रेत के अवैध खनन-परिवहन से नाराज जिला पंचायत उपाध्यक्ष नीशु चन्द्राकर ने किया चक्काजाम
रेत वाहन के चपटे में आने से बाल-बाल बचे जिला पंचायत उपाध्यक्ष, चक्काजाम से सड़क के दोनो ओर लगी वाहनों की लंबी कतार
शासन प्रशासन पर लगाया अवैध रेत कार्यो को संरक्षण देने का आरोप
धमतरी। बीती रात्रि अवैध खनन परिवहन को लेकर मामला गरमा गया। स्थिति चक्काजाम तक आ गई। काफी देर वाहनोंं के पहिए थमे रहे आखिरकार अधिकारियों के मौखिक आश्वासन व समझाईश के बाद चक्काजाम समाप्त हुआ। ज्ञात हो कि बीती रात्रि जिला पंचायत उपाध्यक्ष नीशु चन्द्राकर अपनी वाहन से सिहावा रोड से होते हुए वापस लौट रहे थे तभी रेत भरी हाईवा वाहन की चपेट में आते बाल-बाल बचे। इस घटना के बाद श्री चन्द्राकर कुछ देर के लिए सहम गए। इसके पश्चात उनका गुस्सा नियम विरुद्ध जिले में चल रहे अवैध रेत खनन, परिवहन के खिलाफ फूटा उन्होने सड़क में अपनी गाड़ी खड़ाकर चक्काजाम कर दिया। जैसे ही इसकी सूचना पर उनके समर्थकों व कांग्रेसियों को लगी वे भी मौके पर पहुंचे और उनके साथ चक्काजाम में सहयोग करने लगे। देखते ही देखते कुछ देर में वाहनों का कतार सड़क के दोनो ओर लग गई।
इसके बाद भी जिम्मेदारी अधिकारी लगभग घंटे भर बाद मौके पर पहुंचे। एसडीएम विभोर अग्रवाल डीएसपी नेहा पवार, कोतवाली प्रभारी राजेश मरई, खनिज अधिकारी योगेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे और जिला पंचायत उपाध्यक्ष को समझाईश देकर चक्काजाम समाप्त करने कहने लगे। लेकिन श्री चन्द्राकर नियम विरुद्ध व प्रतिबंध के बाउजूद खनन, परिवहन पर काफी सख्त रहे। चक्काजाम की सूचना पर पहुंचे खनिज अधिकारी से नीशु चन्द्राकर की बहस भी होने लगी। आखिरकार खनिज अधिकारी लगातार व कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। जिसके पश्चात चक्काजाम समाप्त हुआ।
जहां भी रेत का अवैध खनन, परिवहन होगा इसका पूरजोर विरोध करेंगे- नीशु चन्द्राकर
इस दौरान श्री चन्द्राकर ने कहा कि एनजीटी के नियमानुसार 10 जून से 15 अक्टूबर तक रेत खदानों का संचालन प्रतिबंधित है। बाउजूद इसके खुलेआम अवैध तरीके से खनन-परिवहन किया जा रहा है। रेत माफियाओं द्वारा शासन- प्रशासन के संरक्षण में महानदी का सीना छलनी किया जा रहा है। रोजाना सैकड़ो वाहन में धमतरी से अन्य प्रदेशो में अवैध तरीके से भेजा जा रहा है। रेत भरी हाईवा वाहन लोगो के लिए काम भी साबित हुई है। अब तक रेत वाहनों की चपेट में आकर कई लोगों की जान जा चुकी है। बार-बार ध्यानाकर्षण कराने के बाद भी अधिकारी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे है। ऐसे में आंदोलन करने बाध्य होना पड़ रहा है। अब भविष्य में जहां कंही भी रेत का खनन, परिवहन होगा मै धरने पर बैठूंगा।