सत्ता प्राप्ति के बाद भाजपा संगठन में सक्रियता व उत्साह में नजर आ रही कमी
विपक्ष में रहते संघर्ष के दिनों में भाजपा संगठन में ऊर्जा, उत्साह में नहीं आई थी कमी
जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की घटी पूछपरख, आगामी नगरीय निकाय चुनाव में हो सकता है नुकसान
धमतरी । गत विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश में बड़ी जीत मिली। भाजपा की सरकार बनी इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि अब भाजपा संगठन और भी ज्यादा जोश व उत्साह के साथ काम करेंगी लेकिन इसके विपरीत भाजपा संगठन में जोश उत्साह की कमी नजर आ रही है। ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को जिले के तीनों विधानसभाओं में अच्छी बढ़त मिली। भाजपाई भले ही इसे अपनी सफलता मान रहे है लेकिन जनता ने एक ही चेहरे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देख कर वोट दिया है ऐसी चर्चा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भाजपा संगठन की वो धार गायब सी हो गई है जो विपक्ष में रहते हुए नजर आती थी। विभिन्न आयोजनो में पहले जैसी भीड़ भी नहीं जुटती। इसका उदाहरण सांसद रुपकुमारी चौधरी के विजय जुलुस के रुप में नजर आया। नवनिर्वाचित सांसद का धमतरी आगमन हुआ रोड शो हुआ। इस दौरान भीड़ भी कम और सभा के दौरान भी न तो पब्लिक और न ही कोई भाजपाईयों में उत्साह रहा। चर्चा है कि भाजपा संगठन में बदलाव और पदाधिकारियों द्वारा जमीनी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठों की सही पूछपरख नहीं होने के कारण भी पार्टी कमजोर हो रही है। कुछ दिन पूर्व ही बूथ स्तर के कई जमीनी कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि यदि संगठन के बड़े नेताओं का रवैय्या जल्द नहीं बदला तो आगे कई और इस्तीफा और असंतोष उभर सकता है। अगले कुछ महीनो में नगरीय निकाय चुनाव होने है ऐसे में यदि पार्टी की यही स्थिति रही तो चुनाव में पूर्व की ही तरह पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। चर्चा तो यह भी है कि वर्तमान में पार्टी के नेताओं में तालमेल का आभाव है अन्य दलों से भाजपा में आये नेताओं के अनुभव का लाभ भी पार्टी नहीं ले पा रही है वे नेता भी लूपलाईन में चल रहे है। अब धमतरी विस में भाजपा का विधायक भी नहीं है। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी का संगठन काफी अहम हो जाता है लेकिन अभी तक तो भाजपा संगठन में संतोषनजक स्थिति नजर नहीं आई है।
रंजना साहू की कम नहीं हुई सक्रियता
रंजना साहू जब धमतरी विस से विधायक थी तब उनकी सक्रियता किसी से छुपी नहीं है। और अब जब वे विधायक नहीं रह गई है तब भी उनकी सक्रियता कम नहीं हुई है। जनहित और विकास के मुद्दों पर हमेशा जुटी रहती है। अपने समर्थकों के साथ पार्टी को मजबूती प्रदान करने हर संभव प्रयास करती रहती है। विकास के कार्यो को स्वीकृति दिलाने भाजपा के बड़े नेताओं से सम्पर्क भी करती है।
शशि, कविन्द्र और विजय, बीथिका जिम्मेदारियों पर उतरे थे खरा
बता दे कि जब भाजपा प्रदेश में विपक्ष में थी तब भाजपा जिलाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी शशि पवार को दी गई उनके साथ महामंत्री कविन्द्र जैन बने वहीं भाजयुमों जिलाध्यक्ष विजय मोटवानी बने। वहीं भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष डा बीथिका विश्वास उक्त चारो नेताओं ने अपनी टीम के साथ भाजपा को जिले में मजबूती प्रदान किया। इनके कार्यकाल के दौरान भाजपा ने जनता के बीच अलग छाप छोड़ी। न सिर्फ धमतरी जिले में बल्कि प्रदेश में भी जिला संगठन की सक्रियता की चर्चा रही। बड़े-बड़े आयोजनों को तत्कालीन जिला भाजपा संगठन ने तालमेल से सफल बनाया लेकिन आज परिस्थिति बदल गई है। सत्ता मिलने के बाद भाजपा और मजबूत होने के बजाय कमजोर पड़ रही है।