धूल के गुबार और भूसे के कणों से परेशान है शहरवासी
सिहावा व रत्नाबांधा रोड पर चलना हुआ मुश्किल
बढ़ी आंखो और त्वचा संबधित समस्या, निजात दिलाने सालों से की जा रही मांग
धमतरी। बारिश के मौसम में शहर के कुछ क्षेत्र परेशानी का सबब बन जाते है। यदि बारिश हुई तो इन मार्गो पर कीचड़ होता है। और बारिश नहीं हुई तो धुल के गुबार से परेशान रहते है। शहर के सबसे प्रमुख और व्यस्त मार्गो में घड़ी चौक से नया बस स्टैण्ड और अर्जुनी मोड़ तक है इसी प्रकार सिहावा और रत्नाबांधा रोड भी है। रायपुर रोड पर नई सड़क बनने के बाद धूल की समस्या कम हुई है लेकिन नगर निगम की अनदेखी के कारण समस्या बढ़ती जा रही है। इस मार्ग पर सड़क के बीचो बीच रोड डिवायडर के दोनो किनारे पर धूल की मोटी परत महीनों में जमी हुई है। और जब बड़ी व भारी वाहने चलती है तो उनके धुए से यह धूल उड़कर बिखरती है। जो अन्य वाहन चालको राहगीरों, दुकानदारों के लिए परेशानी का कारण बनती है। निगम द्वारा धूल की परत को हटाने ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं रायपुर रोड पर पावर हाउस के आसपास पिछले कई दिनों से बड़ी मात्रा में भूसा गिरकर सड़क पर पड़ा है। जो कि दिन भर उड़ते रहता है। कई बार धुल और भुसे का कण उड़कर आंखो में चला जाता है जो कि काफी पीड़ादायक होती है। वहीं शरीर से चिपक कर यह चर्म रोग का कारण भी बन रही है। धूल की सबसे ज्यादा समस्या पिछले कई सालों से सिहावा और रत्नाबांधा रोड पर है। इन मार्गो पर सड़क के दोनो ओर कच्ची सड़क है। बारिश के बाद कीचड़ पहियों के साथ पक्की सड़क पर आ जाती है। और सूखकर धूल बनकर उड़ते रहती है। कच्ची सड़क की जमीन कठोर नहीं है। जिससे धूल पूरे साल भर उड़ते रहता है। इस क्षेत्र के निवासी तो कई सालों से धूल से राहत दिलाने की मांग कर रहे है। लेकिन अभी तक उन्हें राहत नहीं मिल पाई है। बारिश के दिनों में उनकी समस्या और भी बढ़ जाती है।
ड्रेन टू ड्रेन सड़क निर्माण है जरुरी
बता दे कि धूल का प्रमुख कारण पक्की सड़क के दोनो ओर कच्ची सड़क होना है। इसलिए सिहावा व रत्नाबांधा रोड से धूल की समस्या कम करने के लिए ड्रेन टू ड्रेन सड़क निर्माण जरुरी है। इस संबंध में कई सालों से मांग हो रही है कई बार यह भी बताया गया कि सड़क निर्माण को स्वीकृति मिल गई है। लेकिन आज तक धरातल पर काम नहीं हुआ इसलिए सालों से लोग धूल की समस्या झेलने मजबूर है।