यात्री ट्रेनों के अनियमित परिचालन को लेकर कांग्रेस ने रेल मंत्री के नाम सक्षम अधिकारी को सौपा ज्ञापन
छत्तीसगढ़ में यात्री ट्रेनों के अनियमित परिचालन को लेकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में रेल मंत्री के नाम सक्षम अधिकारों को विधायक ओंकार साहू, महापौर विजय देवांगन, ब्लॉक अध्यक्ष आकाश गोलछा, आशुतोष खरे, सूरज पासवान, पवन यादव, कुणाल यादव, पंकज चन्द्राकर, उदय गुरु, लक्की साहू ने ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यात्री ट्रेनों को पिछले चार सालों से अचानक रद्द करने का सिलसिला चल पड़ा है। वर्तमान में भी 72 से अधिक ट्रेनों को राजनांदगांव कलमना रेलखंड के बीच तीसरी लाईन जोड़ने के नाम पर रद्द कर दिया गया है। खबर है 4 अगस्त से 19 अगस्त के बीच 72 यात्री ट्रेने प्रभावित रहेगी। रेलवे का यह कदम बेहद ही गैर जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे समय में जब देश का प्रमुख त्योहार रक्षाबंधन है, छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार हरेली है। इस समय इतनी बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनों को रद्द किया जाना रेल यात्रियों के ऊपर अत्याचार है। रेलवे को यदि मेंटेनेंस करना था तो इसके लिये काम की समय सारणी का ऐसा प्रबंध किया जाना चाहिये जिससे यात्री सुविधायें बाधित न हो। पिछले चार वर्षों से देश की रेल सुविधाएं पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। यात्री ट्रेनों को बिना कारण बताये रद्द कर दिए जाने का फरमान जारी कर दिया जाता है। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली सैकड़ो यात्री ट्रेनों को अनेको बार महीनो तक के लिए रद्द किया गया है। महीनो पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन करवाने वाले यात्री रेलवे की इस मनमानी से परेशान होते है। त्योहारों, छुट्टियों, शादी ब्याह के सीजनों में रेल्वे बिना बताए, बिना कारण के यात्री ट्रेनों को रद्द कर देती है। रेल्वे द्वारा ट्रेनों को रद्द किये जाने का कारण मेंटेनेंस बताया जाता है। जबकि उन्ही ट्रेको पर यात्री ट्रेनों से 50 गुना अधिक क्षमता की मालवाहक ट्रेनों को चलाया जाता है। छत्तीसगढ़ से निकलने वाले कोयले का परिवहन कर दूसरे प्रदेश को भेजने के लिए भी छत्तीसगढ़ की यात्री सुविधाओं को बाधित किया गया है। रेल्वे द्वारा जिस प्रकार से यात्री ट्रेनों के संचालन में लगातार कोताही बरती जा रही उससे स्पष्ट हो रहा की रेल्वे यात्री सुविधाओं की अपेक्षा मालवाहक गाड़ियों को ज्यादा प्राथमिकता दे रही। यह जानबूझकर किया जाने वाला षड़यंत्र है ताकि जनमानस में रेल अलोकप्रिय हो और मोदी सरकार रेलवे को निजी हाथों विशेषकर अदानी समूह को सौप सके। रेल देश के नागरिकों की सबसे सुलभ और लोकप्रिय सुविधा है। आजादी के पहले और बाद में भी सभी सरकारों ने घाटा उठाकर भी जनहित में रेल्वे का संचालन अनवरत जारी रखा। रेल्वे को बेचने का कोई भी प्रयास देश की जनता के साथ धोखा हैं, कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि केंद्र सरकार यात्री ट्रेनों को नियमित चालन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही यात्री सुविधाओं विकलांग, बुजुर्ग, रिटायर्ड, सैनिकों, छात्रों, बच्चों को पूर्व में मिलने वाली रियायते बहाल की जाए तथा रेलवे के निजीकरण के षड्यंत्र पर तत्काल विराम लगे।