सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण के फैसले के विरोध में भारत बंद का जिले में दिखा असर
कई दुकानों के नहीं खुले ताले, कई दुकानों में हाफ शटर से होता रहा व्यापार
सर्व आदिवासी, सतनामी, बौद्ध, वाल्मिकी समाज सहित विभिन्न संगठनों ने किया भारत बंद का आव्हान
धमतरी । अनुसूचित जाति, जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से विभिन्न वर्ग में नाराजगी है। वे इस फैसले का विरोध कर इसे वापस लेने की मांग करते हुए आज भारत बंद का आव्हान किया। जिसका जिले में भी असर नजर आया। बता दे कि सर्व आदिवासी समाज, सतनामी समाज, बौद्ध समाज, वाल्मिकी समाज के साथ भीम आर्मी, बहुजन समाज आदि ने आज भारत बंद का आव्हान किया गया। जिसके तहत जिले में भी बंद का आव्हान किया गया। बंद को सफल बनाने समाजजनों द्वारा व्यापाक तैयारियां की गई थी। सुबह 8 बजे से समाजजन व कार्यकर्ता शहर बंद को सफल बनाने निकले। वाहनो में लाउडस्पीकर के माध्यम से बंद को समर्थन देने की अपील की गई। बंद का असर सुबह से नजर आया। कई चाय ठेले, होटल, जो सुबह से खुलते है वो बंद रहे। इसके पश्चात शहर की दुकानों का ताला आज सुबह से नहीं खुला वहीं कुछ दुकानदार हाफ शटर के माध्यम से व्यापार करते रहे। धमतरी शहर के अलावा नगरी में बंद का व्यापक असर रहा। वहीं कुरुद, मगरलोड, भखारा, आमदी, से व्यापार प्रभावित रहा। भारत बंद के आव्हान को देखते हुए जिला पुलिस द्वारा सुरक्षा के व्यापाक इंतेजाम किये गये थे। जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया था। साथ ही पेट्रोलिंग पार्टियां भी अलर्ट पर रही।
यात्री बस सेवा रही अप्रभावित, पेट्रोल पंप भी खुले
भारत बंद को कई संगठनों द्वारा समर्थन नहीं मिला। जिसके चलते कुछ सेवाएं अप्रभावित रही। धमतरी से चलने वाली अधिकांश रुटो पर बसे सुबह से अनवरत चलती रही। वहीं रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव की ओर से आने वाली बसे भी रोज की तरह शहर पहुंची। हालांकि रुटो पर सामान्य दिनों की तुलना में बसे कम रही। लेकिन यात्रियों को आवागमन के लिए परेशान होना नहीं पड़ा। प्रदेश बस एसोसिएशन द्वारा पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि उनके संगठन द्वारा बंद को समर्थन नहीं है। वहीं पेट्रोल पंप भी खुले रहे जिससे लोगो को परेशान होना नहीं पड़ा।
छग चेम्बर आफ कामर्स का नहीं रहा समर्थन
धमतरी जिले व प्रदेश के अधिकांश प्रमुख दुकाने व व्यापार छग चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज से जुड़ी हुई है। उक्त संगठन द्वारा बीती रात ही स्पष्ट कर दिया गया था कि वे बंद का समर्थन नहीं कर रहे है। जिसके चलते कई व्यापारियों द्वारा निर्धारित समय पर दुकाने खोली गई लेकिन कार्यकर्ताओं द्वारा शहर भ्रमण कर बंद की अपील की गई। जिसके चलते कई दुकानों के शटर दिन भर गिरते उठते रहे।