पोला व तीज उत्सव को लेकर सजा बाजार
बाजार में मिट्टी के साथ ही लकड़ी के नांदिया बैल बिक्री के लिए है उपलब्ध
कपड़ा, सराफा, फैंसी व किराना दुकानों में बढ़ेगी रौनक
धमतरी। छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहारो में पोला और तीज त्यौहार शामिल है। धमतरी जिले में भी पर्व को उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। पर्व को अब ज्यादा समय शेष नहीं रह गया है। ऐसे में पर्व के लिये बाजार सज कर तैयार है। बता दे कि 2 सितम्बर को पोला पर्व अंचल में मनाया जाएगा। पोला पर्व किसानों का बड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन मिट्टी के बैल और खिलौना की पूजा की जाती है। इसलिए नांदिया बैल पोरा जांता का बाजार सजा है। बाजार में मिट्टी के बैलो के साथ ही लकड़ी के बैल भी मिलते है। बाजार में 30 रुपये से लेकर 200 रुपये तक छोटे बड़े मिट्टी के बैल उपलब्ध है। साथ ही 50 से 100 रुपये तक लकड़ी के बैल प्रति नग बिक रहे है।
बता दे कि पोला पर्व पर छत्तीसगढ़ी पकवान जैसे ठेठरी, खुरमी, आदि बनाने की परम्परा है। जिसका आज भी पालन होता है। पोला के दिन से ही अब तीजहारिनों का आना बढ़ जाता है। चूंकि तीज का उपवास 6 सितम्बर को महिलाओं द्वारा रखा जाएगा और 7 को गणेश चतुर्थी पर फलाहार होगा ऐसे में पर्व को लेकर दुकानों में तैयारियां की गई है। तीज पर्व पर कपड़ा मनिहारी सराफा और किराना दुकानों में भीड़ अपेक्षाकृत ज्यादा रहती है। पोला व तीज के पर्व के नजदीक आते ही आज से तिजहारिनों का आवागमन शुरु हो गया है। इसलिए बसो में भीड़ बढऩे लगी है। आने वाले दिनो में भीड़ और बढ़ेगी।
ज्ञात हो कि प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। यह त्योहार देवों के देव महादेव और मां पार्वती को समर्पित है। इस खास तिथि पर सच्चे मन से प्रभु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। बता दे कि हरतालिका तीज व्रत को विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। वहीं, कुवारी लड़कियां मनचाहे वर और जल्द विवाह के लिए व्रत करती हैं। इस दिन शिव जी और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सुख-शांति की प्राप्ति होती है।