निकाय चुनावों को लेकर जारी अधिसूचना से अध्यक्ष व पार्षदों में मची खलबली
कुरुद। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नगरीय निकाय चुनावों को लेकर जारी अधिसूचना ने वर्तमान नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और पार्षदों में खलबली मचा दी है। हाल ही में जारी अधिसूचना के बाद से परिषद के सदस्यों के बीच राजनीतिक अस्तित्व को लेकर चिंता बढ़ गई है। यदि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों में संशोधन करते हुए महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जनता के सीधे वोट से करने का निर्णय लिया है। जिससे मौजूदा परिषद के सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने का खतरा है। जनवरी 2024 के प्रथम सप्ताह को वर्तमान परिषद भंग होती है और प्रशासक की नियुक्ति की जाती है, तो यह व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी खासतौर से पार्षदों में उनकी शक्ति खोने का डर सता रहा है। इसके साथ ही पंचायत चुनावों को साथ में कराने के संकेत भी दिए जा रहे हैं, जो राज्य सरकार के लिए एक और चुनौती होगी। निश्चय ही इस स्थिति में पार्षदों के भीतर आक्रोश दिख रहा है। सरकार के निर्णयों को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, और पार्षदों को यह महसूस हो रहा है कि सरकार चुनाव कराने में सक्षम नहीं हो रही है या फिर राजनीतिक मजबूरियों के चलते निर्णय में देरी हो रही है। आखिरकर यह सभी घटनाएँ चुनावी राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती हैं, और यह देखना होगा कि सरकार कब और कैसे अपने कदम उठाती है। अगर परिषद भंग होती है और प्रशासक की नियुक्ति होती है, तो मौजूदा पार्षदों को अपनी राजनीतिक स्थिति फिर से मजबूत करने के लिए नई रणनीति बनाने की जरूरत होगी।