राईस मिलरों ने कस्टम मीलिंग के लिए नहीं किया अनुबंध, धान का बम्फर आवक से उत्पन्न हो सकती है जाम की स्थिति
9 हजार 273 किसानों ने अब तक बेचा 3 लाख 87 हजार 490 क्विंटल धान
लिकिंग से हुई 19 करोड़ 62 लाख 96 हजार कर्ज की वसूली
धमतरी। शासन द्वारा 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ किया गया है। धमतरी जिले में 74 कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से 100 उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी किया जा रहा है। टोकन कटने के बाद किसानों की भीड़ उपार्जन केन्द्रों में उमड़ रही है। हर रोज लगभग 1 लाख क्विंटल धान की आवक हो रही है। खरीदी शुरु होने के बाद चार दिन में ही चार लाख क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जा चुका है, लेकिन उठाव शुरु नहीं होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित होने लगी है। कई केन्द्रों में बफर लिमिट से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है, ऐसे में जल्द ही उठाव शुरु नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि राईस मिलरों द्वारा सीधे उठाव नहीं किये जाने के कारण उपार्जन केन्द्रों में खरीदे गए धान को भोयना, जंवरगांव एवं चिटौद स्थित संग्रहण केन्द्र में रखने की तैयारी मार्कफेड द्वारा की जा रही है। संग्रहण केन्द्रों में साफ सफाई व स्टेक की व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही ट्रांसपोर्टरों के साथ बैठक की जा रही है। उठाव के लिये कलेक्टर द्वारा शासन को पत्र लिखा गया है। शासन द्वारा कस्टम मिलिंग दर घटाए जाने से राईस मिलरों में नाराजगी देखी जा रही है। वहीं पूर्व में किये गए कस्टम मिलिंग की राशि का भुगतान भी बकाया है, यही वजह है कि जिले में राईस मिलरों ने उपार्जन केन्द्रों से धान उठाव के लिये अनुबंध नहीं किया है।
ज्ञात हो कि समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिये जिले में कुल 1 लाख 27 हजार 599 किसानों ने पंजीयन कराया है। बुधवार शाम तक 9 हजार 273 किसान 90 करोड़ 7 लाख 94 हजार 912 रुपये की कीमत पर 3 लाख 87 हजार 490 क्विंटल धान की बिक्री कर चुके थे। वहीं 19 करोड़ 62 लाख 96 हजार लिकिंग वसूली किसानों से की गई है।
17 प्रतिशत या इससे अधिक नमी होने पर धान हो रहा रिजेक्ट
उपार्जन केन्द्रों में नमी मापक यंत्र से जांच हो रही, 17 प्रतिशत या इससे अधिक नमी होने पर धान को रिजेक्ट किया जा रहा है। अब तक 100 से अधिक किसानों का धान रिजेक्ट हो चुका है। विदित हो कि जिले में 14 नवंबर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी जारी है। अब तक जिले के 100 उपार्जन केन्द्र में करीब साढ़े 9 हजार किसानों से 4 लाख क्विंटल धान खरीदा गया है। ऐसे किसान जिनके धान में निर्धारित मात्रा से अधिक नमी है उनके धान की खरीदी नहीं की जा रही है। किसानों का कहना है कि उनके पास नमी मापक यंत्र नही है, जिससे धान को मापकर लाया जा सके। उपार्जन केन्द्र पहुंचने से पहले ही धान सुखाना पड़ रहा इसके बावजूद धान रिजेक्ट होने पर परेशानी झेलनी पड़ रही है। उपार्जन केन्द्र में धान आने के बाद ढेरी लगवाई जा रही, फिर गुणवत्ता का परीक्षण किया जा रहा है। मानक में खरा उतरने पर ही धान तौला जा रहा है। परीक्षण में यह देखा जा रहा कि धान के सिकुड़े और कुम्हलाए ादने 3 प्रतिशत, नमी 17 प्रतिशत और मिलावट 6 प्रतिशत से अधिक तो नहीं है। परीक्षण में यह भी देखा जा रहा कि क्षतिग्रस्त, बदरंग, अंकुरित या घुनयुक्त धान कहीं 5 प्रतिशत से अधिक तो नहीं है। इन कारणों से धान को रिजेक्ट करने का अधिकार समिति को है।