सुंदरता में चार चांद लगाने वाले फाउंटेन है सालों से बंद
शहर की सुंदरता पर लग रहा ग्रहण, रख रखाव के अभाव में सौंदर्यीकरण के लिए लगा फाउंटेन हुआ खराब
उद्यानों, सौन्द्रयीकरण और महापुरुषो की प्रतिमाओं पर लगाये गये फाउंटेन सालों से है खराब
धमतरी। सालों पहले शहर में सौंदर्यीकरण की दिशा में कई कार्य हुए लेकिन इनकी सही देखरेख रखरखाव नहीं होने के कारण यह खराब होकर कबाड़ में तब्दील हो गये और इस प्रकार जनता के पैसो का सदुपयोग नहीं हो पाया।
वर्तमान में भी शहर के लगभग अधिकांश स्थानों पर सौंदर्यीकरण के लिए हुए कार्य अपने उद्देश्यो की पूर्ति नहीं कर पा रहा है। सालों पहले सौंदर्यीकरण के तहत फाउंटेन लगाया गया था। यह शाम होते ही काफी आकर्षक प्रतीत होता था। इससे सुंदरता में चार चांद लग जाता था। लेकिन कुछ ही समय में फाउंटेन बंद होते गये इनके मरम्मत पर भी ध्यान नहीं दिया गया नतीजन फाउंटेन सिर्फ नाम के लिए रह गये और कबाड़ में तब्दील हो गये।
बता दे कि शहर के निगम कार्यालय के सामने स्थित उद्यान में, रमसगरी तालाब स्थित सेंचुरी गार्डन में, कलेक्ट्रेट स्थित दांडी यात्रा के प्रतिमाओं में, कई चौक चौराहो पर महापुरुषो की प्रतिमाओं पर व रायपुर रोड पावर हाउस के बाहर बने बस्तर आर्ट सौंदर्यीकरण में फाउंटेन लगाया गया था। इसके अतिरिक्त कई अन्य स्थानों पर फाउंडेन लगाकर शहर की सुंदरता पर चार चांद लगाया गया था। लेकिन अब फाउंटेन तो बीती बात हो गई है। लोगों की मांग है कि शहर के सौंदर्यीकरण पर निगम को पुन: विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पुन: शहर की सुन्दरता को बढ़ाया जा सकें।
महापुरुषो की प्रतिमाओं और सौंदर्यीकरण की है सुध लेने की आवश्यकता
शहर में लगभग सभी वार्डो में महापुरुषो के सम्मान में उनकी प्रतिमायें तो स्थापित कर दी जाती है। लेकिन जयंती पुण्य तिथि के अलावा साल भर देखरेख न पूछपरख होती है। इसलिए प्रतिमायें गंदगी से लबरेज हो जाते है। इनकी नियमित सफाई कराकर जहां फाउंटेन लगे थे। उन्हें पुन: शुरु कराये जाने की मांग हो रही है। वहीं रायपुर रोड बस्तर आर्ट सहित अन्य सौन्दर्यीकरण कार्य की दशा सुधार कर इसे पुन: सुंदर बनाकर सही देखरेख करने की आवश्यकता है।