ओबीसी को 50 प्रतिशत आरक्षण के बाद अब महापौर व वार्डो के आरक्षण का है इंतजार
चुनाव की घोषणा और मतदान में होगी देरी, अब तक शुरु नहीं हो पाई है आरक्षण की प्रक्रिया
अब नपं अध्यक्षों और महापौर का सीधे जनता के मतदान से होगा निवार्चन
धमतरी। धमतरी जिला सहित प्रदेश भर में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव होना है। जिसके लिए प्रक्रिया जारी है। कोशिश है कि इस बार निकाय व पंचायत चुनाव एक साथ कराया जाये। फिलहाल चुनाव की प्रक्रिया पिछड़ी हुई है। लेकिन दो महत्वपूर्ण फैसले राज्य सरकार ने लिये है जिसके तहत अब महापौर और नगर पंचायतों का अध्यक्ष पार्षद नहीं सीधे जनता चुनेगी। साथ ही जनसंख्या के आधार पर अन्य पिछड़़ा वर्ग को चुनाव में 50 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जायेगा। इस फैसलों का सीधा असर धमतरी शहर और जिला पर पड़ेगा। धमतरी जिले में 2011 की जनगणना के अनुसार 799781 लाख की आबादी है। इसमें से 5.15 लाख आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की है। इस प्रकार आबादी के अनुसार 50 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण धमतरी जिला में मिलेगा। इससे जिले में ओबीसी उम्मीदवारों की संख्या सीधे डबल हो जायेगा। पहले मात्र 25 प्रतिशत आरक्षण मिलता था। उक्त दोनो फैसले हो जाने के बाद पार्षद और नपं अध्यक्ष और महापौरे के दावेदारों की उत्सुकुता बढ़ती जा रही है। उन्हें अब बेसब्री से आरक्षण का इंतजार है हालांकि दावेदार भीतरी तौर पर चुनावी तैयारियों में जटे हुए है। लेकिन आरक्षण के पश्चात स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो जाने से दावेदार खुलकर सामने आएंगें लेकिन इस बार चुनावी प्रक्रिया में देरी हो रही है। अभी तक नपं अध्यक्षों महापौर और वार्डो के लिए आरक्षण की प्रक्रिया शुरु नहीं हो पाई है।
जिले के 115 वार्डो, नपं अध्यक्षों और महापौर के लिए होगा आरक्षण
बता दे कि धमतरी जिले में धमतरी नगर निगम है। जहां कुल 40 वार्ड है। वहीं 5 नगर पंचायते है। जिनमें आमदी, भखारा, कुरुद, नगरी, मगरलोड शामिल है। सभी नगर पंचायतों में 15-15 वार्ड है। इस प्रकार जिले में नगरीय निकाय चुनाव हेतु कुल 115 वार्डो में व 5 नगर पंचायत अध्यक्षों एक महापौर पद के लिए आरक्षण होगा। कई वार्डो में परिसीमिन हुआ है। इसका असर भी आरक्षण पर पड़ेगा। ऐसे में आरक्षण के पूर्व वार्ड या अध्यक्ष, महापौर पद किस कोटे के लिए आरक्षित होगा यह स्पष्ट रुप से नहीं कहा जा सकता है।
वर्तमान जनप्रतिनिधियों के साथ है कई और दावेदार
सभी वार्डो मेें वर्तमान पार्षद नगर पंचायत अध्यक्षों और काबिज महापौर आगामी चुनाव के लिए पहले सशक्त दावेदार बताये जा रहे है। हालांकि आरक्षण और पार्टी में उनकी कार्यो और जनता में इमेज के अनुसार टिकट फायनल होगी। वहीं कई अन्य दावेदार है। जो अपनी माउथ पब्लिसिटी कर रहे है। स्वयं को दावेदार बता रहे है। लेकिन यह तो वक्त ही बतायेगा कि दावेदार पार्टी की ओर से उम्मीदवार होगा या नही?