धमतरी। हिन्दू धर्म में सोलह संस्कार बताये गये है। इनमें नामकरण संस्कार भी शामिल है। यही संस्कार किसी भी बालक के व्यकितत्व निर्माण में सहायक होते है। नाम ही मनुष्य का भाग्य और भविष्य तय करता है। भगवान राम के नाम का अपना अलग ही महत्व है। क्योकि प्रभु श्रीराम का नाम लेने मात्र से ही मनुष्य भवसागर से पार हो जाता है। उक्त बाते वृद्धावंन धाम से पहुंचे कथा व्यास पंडित अतुल कृष्ण भरद्वाज महाराज ने दिव्य रामकथा में कही। उन्होंने संस्कृति को लेकर कहा कि हमारी संस्कृति में शिक्षा धर्म से जोडऩे वाली त्यागमयी जीवन जीने वाली एवं दूसरों का हित करने वाली होती थी। बचपन का संस्कार व्यक्ति निर्माण में सहायक होता है। हमारे समाज में जो बुराइयां व्याप्त है। उसका कारण शिक्षा का अभव भी है। उन्होंने बताया कि सच्चे दिल से भजने एवं पूजने से परमात्मा मिलते है। क्योकि भक्ति में बड़ी शक्ति होती है। पश्चात कथा व्यास पंडित अतुल कृष्ण महाराज ने रामलीला एवं अहिल्या उद्धार प्रसंग पर कथा रसपान कराया। मां अंगारमोती गौधाम सेवा समिति तुमाबुजुर्ग द्वारा पुरानी कृषि मंडी में आयोजित दिव्य राम कथा श्रवण करने रोजाना भक्तों की भीड़ जुट रही है। इस अवसर पर आयोजन समिति के दिलीप लखोटिया, सुबोधराठी, नरेन्द्र जायसवाल, दिलीपराज सोनी, मोहन साहू, दिलीप पटेल, सहित बड़ी संख्या में अन्य भक्त मौजूद थे।