शिशु संरक्षण कार्यक्रम की तैयारियों की सीएमएचओ ने की समीक्षा
धमतरी 09 जनवरी 2025/ जिले में आगामी 21 जनवरी से 21 फरवरी तक द्वितीय चरण का शिशु संरक्षण माह आयोजित किया जाएगा। इसके मद्देनजर आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.कौशिक ने विडियो कान्फेस के माध्यम से जिले के चारों ब्लॉक से शिशु संरक्षण कार्यकम के पूर्व तैयारीयों की समीक्षा की। शिशु संरक्षण माह वर्ष में दो बार और 10 सत्रों में आयोजित किया जाता है। इस दौरान 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ’’ए’’ सिरप पिलायी जाती है तथा 6 माह से 5 साल तक के बच्चों को आयरन सिरप पिलायी जाती है। साथ ही नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों को टीकाकृत किया जाता है। सीएमएचओ ने बताया कि इस बार इस कार्यकम में कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी के निर्देश पर कुपोषित बच्चों की पहचान कर एनआरसी में भर्ती करने व पोषण स्तर में सुधार के लिए भी कार्ययोजना तैयार किया गया है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. जे.पी. दीवान ने कार्यक्रम के बारे में बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा और संबंधित विभागों के समन्वय से शिशु संरक्षण माह का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना है। शिशु संरक्षण रो संबधित सेवायें नजदिकी स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र अथवा पंचायत भवन में आयोजित किये जायेगे। उन्होंने पालकों से अपील की है कि बच्चों को नजदीक के केन्द्रों में ले जाकर समय पर टीकाकरण कराये। इसके साथ ही खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ब्लॉक स्तरीय टीकाकरण कार्य की बैठक परियोजना अधिकारी, शिक्षा विभाग एवं एस. डी. एम. के साथ समन्वय बनाकर आयोजित किया जाए। शिशु संरक्षण माह के दौरान 9 माह से 5 वर्ष के 75 हजार 882 बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जायेगी तथा 6 माह से 5 वर्ष के 80 हजार 345 बच्चों को आयरन सिरप दिया जायेगा।
बैठक में सभी खंड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों को एच.एम.पी.वी. वायरस से अलर्ट रहकर रिपोर्टिंग एवं सूचना को मजबुत रखने निर्देशित किया गया। बताया गया कि भारत के पड़ोसी देश चीन में एचएमपीवी के बढ़ते संक्रमण तथा भारत के कुछ राज्यों में इस संक्रमण के प्रसार को दृष्टिगत रखते हुए भास्त सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सर्विलेस जाँच एवं उपचार हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गए है। वर्तमान में भारत में 8 जनवरी तक ह्यूमन मेटान्यूमोवा वायरस के कर्नाटक राज्य में 02, गुजरात में 01, तमिलनाडु 02 एवं महाराष्ट्र में 03 कुल 08 धनात्मक प्रकरण पाए गए है। यद्यपि छत्तीसगढ़ में एचएमपीवी रोग के कोई प्रकरण प्राप्त नहीं हुए हैं। परन्तु जनस्वास्थ्य में होने वाले संक्रमण की आशंका के दृष्टिगत आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन कराया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश सीएमएचओ ने दिए।