15 बटुक ब्राम्हणो का हुआ उपनयन संस्कार

विप्र विद्वत परिषद विगत कई वर्षों के भाँति इस वर्ष भी विप्र विद्वत परिषद के द्वारा 15 बटुक बालको का उपनयन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन महिमा सागर वार्ड विप्र विद्वत परिषद के भवन में सम्पन्न हुआ। हिंदू धर्म में 16 संस्कार होते हैं, जो जीवन के विभिन्न चरणों में व्यक्ति के विकास और शुद्धता को दर्शाते हैं। इन संस्कारों को जन्म से लेकर मृत्यु तक विभिन्न अवसरों पर किया जाता है। इन संस्कारों में गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, मुंडन,चूड़ाकर्म, विद्यारंभ, कर्णवेध, यज्ञोपवीत, वेदारंभ, केशान्त, समावर्तन, विवाह और अंत्येष्टि शामिल हैं. ईन सब मे से एक संस्कार यज्ञोपवीत उपनयन संस्कार भी होता है जिसमे उपनयन के पश्चात वेदादि अध्ययन कर्मकाण्ड समस्त मांगलिक अनुष्ठान करने के अधिकारी होते है उपनयन संस्कार के समय बटुकों को गायत्री मंत्र से दीक्षा देकर वेद अध्ययन करने का अधिकार प्राप्त होता है यह संस्कार पूरी तरह से एक वैविहिक कार्यक्रम के तरह ही सम्पन्न होता है तेलमाटी चुलमाटी हरिद्रा लेपन बारात इत्यादि समस्त कार्यक्रम सम्पन्न होते है सिर्फ दुल्हन का लाना बाकी होता है जो इसमें नही होता है उपरोक्त कार्यक्रम में धमतरी रुद्री रायपुर कांकेर राजनांदगांव भखारा इत्यादि स्थानों से उपनयन के लिए बालक आये थे परिषद से उपस्थित विप्र गण अध्यक्ष पंडित अशोक शास्त्री आचार्य पंडित महेश शास्त्री पंडित होमन प्रसाद शास्त्री पंडित संतोष तिवारी पंडित घनश्याम द्विवेदी पंडित रामशरण मिश्र पं. तेजबहादुर दीवान जनक शर्मा अरुण उपाध्याय पं.महेन्द्र तिवारी पं.आकाश पाण्डेय पं. रामशरण मिश्र एल के उपाध्याय पं.दीनानाथ पाण्डेय आदि उपस्थित थे उपरोक्त जानकारी मीडिया प्रभारी श्रीकांत तिवारी राजकुमार तिवारी ने दी.
