आदिवासी क्षेत्रों में जल– जंगल– जमीन का नैसर्गिक अधिकार आदिवासियों का है–अर्जुन मुंडा

अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ एवं सामाजिक प्रमुखों द्वारा झारखंड के तीन बार के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार से राज्य अतिथि गृह पहुना में भेंटकर विभिन्न संवैधानिक मुद्दों पर सार्थक चर्चा किये। संघ के प्रदेश अध्यक्ष आर एन ध्रुव ने अवगत कराया की सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम राहत के बावजूद छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिल रहा है। जिसके कारण इस वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि बस्तर और सरगुजा में स्थानीय स्तर पर भर्ती नहीं होने के कारण वहां के मूल निवासियों को शासकीय सेवाओं में रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे हैं। श्री अर्जुन मुंडा जी ने आश्वत किए की इन समस्याओं के समाधान का रास्ता निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में जल– जंगल– जमीन का नैसर्गिक अधिकार आदिवासियों को है। यह अधिकार आदिवासियों से कोई भी नहीं छीन सकता। इस अवसर पर संघ के प्रदेश सचिव एस पी ध्रुव, श्री राम ध्रुव, जिला अध्यक्ष बलौदाबाजार सुरेश पैकरा, सामाजिक प्रमुख संरक्षक धमतरी शिवचरण नेताम, हुलार सिंह कोर्राम, नारायण सिदार शक्ति, डमरूधर मांझी महासमुंद, रामचंद्र ध्रुव जिला अध्यक्ष बिलासपुर, अकत ध्रुव जिला अध्यक्ष मुंगेली, प्रदेश मीडिया प्रभारी आर के मरकाम, रामायण मंडावी उपस्थित थे।

