शी जिनपिंग के पास तेजी से दौड़ा उनका सहयोगी, सिक्योरिटी गार्ड ने रोका; असमंजस में पड़े राष्ट्रपति…
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ब्रिक्स सम्मेलन में ऐसी घटना हुई, जिससे वो कुछ समय तक असहज महसूस करने लगे।
इस मामले से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्ज भी इस पर हैरानी जता रहे हैं कि आखिर गलतफहमी कैसे हो गई।
दरअसल, जिनपिंग के प्रतिनिधिमंडल के एक व्यक्ति को सुरक्षाकर्मियों ने धक्का देकर किनारे कर दिया। यह सहयोगी भागकर उनके पास जाने की कोशिश कर रहा था।
मगर, सिक्योरिटी गार्ड्स ने उसे पकड़कर गेट पर ही रोक दिया और दरवाजा बंद कर दिया।
चीनी राष्ट्रपति दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में सैंडटन कन्वेंशन सेंटर में एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे, जहां 2023 का 15वां ब्रिक्स पूर्ण सत्र आयोजित किया जा रहा था।
अपने सहयोगी के रोके जाने से जिनपिंग भ्रमित हो गए। कार्यक्रम में भाग लेने से पहले ही वो यह समझने की कोशिश करने लगे कि आखिर हुआ क्या है।
उन्होंने कई बार पीछे मुड़कर देखा और फिर आगे बढ़ गए। वीडियो में नजर आ रहा है कि जैसे ही जिनपिंग गेट के अंदर दाखिल होते हैं, उनके पीछे से एक शख्स बैग लिए दौड़ा चला आता है। मगर, सुरक्षाकर्मी उसे अंदर जाने से रोक देते हैं।
जिनपिंग की सेहत खराब होने की अटकलें
जोहानिसबर्ग से आई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को ब्रिक्स बिजनेस फोरम में शिरकत नहीं की, जहां उनके समूह के अन्य नेताओं के साथ भाषण देने की संभावना थी। ऐसे में इस तरह की अटकलें तेज हो गईं कि उनकी तबीयत खराब हो सकती है।
कार्यक्रम में चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंताओ ने चिनपिंग का भाषण पढ़ा, जिसमें उन्होंने आधिपत्य की प्रवृत्ति को लेकर अमेरिका की आलोचना की। भाषण में चिनपिंग ने कहा कि US उन देशों से लड़ने की प्रवृत्ति रखता है, जो वैश्विक मामलों और वित्तीय बाजारों में उसके प्रभुत्व को खतरे में डालते हैं।
शी जिनपिंग के लिखित भाषण में कहा गया कि हर देश को विकास का अधिकार है और लोगों के पास खुशहाल जीवन जीने की आजादी होनी चाहिए।
चीनी राष्ट्रपति ने अमेरिका पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि एक देश वर्चस्व बनाए रखने के लिए उत्सुक है। वह उभरते बाजारों और विकासशील देशों को पंगु बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
बता दें कि बुधवार को 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं ने अलग-अलग विषयों पर भी बातचीत भी की। इस दौरान आपसी रिश्तों में तालमेल और गर्मजोशी नजर आई।