कैचमेंट एरिया में बारिश से गंगरेल बांध में हो रही 1936 क्यूसेक पानी की आवक
सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा 6882 क्यूसेक पानी, उपयोगी पानी रह गया मात्र 12950 टीएमसी पानी
धमतरी । प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े बांध गंगरेल में जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। लेकिन विगत कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से बांध में एक बार फिर पानी की आवक होने लगी है। जिससे बांध की स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है। लेकिन आवक से कई गुणा अधिक पानी छोडा जा रहा है। जिससे पानी में उपयोगी पानी लगातार कम हो रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार गंगरेल बांध क्षमता 32.150 टीएमसी है। सुबह 11 बजे की स्थिति में बांध में 18.021 टीएमसी जल भराव है। जिसमें उपयोगी पानी 12.950 टीएमसी पानी ही शेष है। बांध का लेवल 343.75 मीटर है। बांध के कैचमेंट एरिया में बीते 24 घंटे में 5 एमएम व गंगरेल क्षेत्र में 53 एमएम वर्षा हुई है। जिससे बांध में 1936 क्यूसेक पानी प्रतिसेंकड पहुंच रहा है। वहीं बांध से प्रतिसेंकड 6882 क्यूसेक पानी सिंचाई हेतु नहर के माध्यम से छोड़ा जा रहा है। बता दे कि बांध के कैचमेंट एरिया में बारिश रुक-रुककर हो रही है। जिससे आवक बढऩे की उम्मीद की जा रही है।
गहरा सकता है जलसंकट
बता दे कि महानदी परियोजना बहुउद्देशीय है जिसके तहत पर्यटन, सिंचाई, पेयजल, मस्त्याखेट व भिलाई स्टील प्लांट को पानी सप्लाई शामिल है। इसके लिए बांध में पर्याप्त पानी होना आवश्यक है। वर्तमान में बारिश के मौसम में 13 टीएमसी से भी कम उपयोगी पानी रह गया है। और निरंतर पानी छोड़ा जा रहा है। पूरा साल बाकि है ऐसे में कई उद्देश्यो की पूर्ति हेतु जलसंकट गहरा सकता है।