भूसा, राख गाडिय़ां बन रहागीरो, वाहन चालकों की परेशानी का कारण
सही पैक नहीं की जाती गाडिय़ां रास्ते भर उड़ते रहते हैं भूसा, रखड़
बाहर तक फैलाकर किया जाता है लोड, फटे पुराने तिरपाल से उड़कर आंखों में जाता है कण
धमतरी। शहर के मध्य से नेशनल व स्टेट हाईवे पर रोजाना कई भूसा व राखड़ गाडिय़ों गुजरती है यह रहागीर, वाहन चालकों के लिए परेशानियों का कारण बन रहा है. लेकिन वहां चालाको व परिवहन कर्ताओ से इससे कोई सरोकार नहीं है अपने लापरवाही व लालच के कारण आम जनता को परेशानी में डालना इनकी आदत में शुमार हो चुका है लेकिन विडंबना तो यह है कि जिन पर इस लापरवाही को रोकने की जिम्मेदारी है वह भी अपने जिम्मेदारियां का निर्वहन ठीक से नहीं कर रहे हैं। ज्ञात हो के धान से चावल बनाने के दौरान धन को छिल्का भूसे के रूप में निकलता है उक्त भूसे का इस्तेमाल तेल निकालने एनर्जी पशु चारा आदि हेतु उपयोग में लाया जाता है इसलिए इसकी भी भारी डिमांड होती है ऐसे में भूसे का राइस मिलों से अन्य स्थानों पर परिवहन किया जाता है क्योंकि भूसा छोटे-छोटे कणों के रूप में होता है काफी हल्का होता है हवा में उडऩे लगता है ऐसे में परिवहन के दौरान यदि पैकिंग लोडिंग में सावधानी नहीं बरती गई तो यह रास्ते भर पीछे उड़ता रहता है। ज्यादातर परिवहन वाहन ने में फटे पुराने तिरपाल से भूसा को पैक किया जाता है जिससे यह रास्ते पर उड़कर राहगीरों, वाहन चालकों के आंखों में चला जाता है जिससे उन्हे काफी पीड़ा होती है। इसी प्रकार राख को परिवहन के दौरान भी ठीक से पैकिंग नहीं की जाती है इससे यह रास्ते भर सड़क पर गिरते उड़ते रहता है जो की आंखों में चला जाता है ऐसे में यह भी भूसा की तरह ही परेशानी का कारण बनता है। बता दे कि वाहनों में राख व भूसा को बाहर तक निकाल कर भरा जाता है जिससे परिवहन के दौरान दुर्घटना की आशंका भी रहती है. लोगों ने बताया कि राख भूसा के कण यदि आंख में चला जाए तो पुतलियो में चिपक जाता है और आसानी से निकलता नहीं है इसके लिए ज्यादातर डॉक्टर के पास जाने से ही राहत मिलती है इसलिए लोगों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यातायात पुलिस को ऐसे परिवहनकर्ताओ, वाहनों के खिलाफ जांच कार्रवाई निरंतर करनी चाहिए ताकि लोगों को उनकी लापरवाही का खामियाजा भुगतना ना पड़े।