तालाबों के विकास व सौंदर्यीकरण की दरकार
पूर्व में भेजा गया करोड़ो का प्रस्ताव लेकिन नहीं मिल पाई स्वीकृति
अतिक्रमण की भेंट चढ़े कई तालाब, जिन तालाबों का सौंदर्यीकरण उनकी भी नहीं हो पा रही देखरेख
धमतरी । धमतरी शहर पहले तालाबों का शहर हुआ करता था तालाबों की अधिकता थी और सभी तालाबों में पानी था जिससे निस्तारी होती थी लेकिन अब तालाबों का दायरा सिमटता जा रहा है यदि इन तालाबों को सहेजा नहीं गया तो भविष्य में इनके अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है और तालाब के चारों ओर सौंदर्यीकरण विकास कार्य कर ही इन्हें सहेजा सकता है लेकिन निगम के पास इस कार्य हेतु फंड नहीं है। बता दे की साल 2022-23 के बजट में निगम द्वारा तालाबों के विकास व सौंदर्यीकरण कार्य हेतु 13.19 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। विकास व सौंदर्यीकरण कार्य हेतु प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पाई जिससे यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई. बता दे की नगर निगम क्षेत्र में 19 तालाब निगम रिकॉर्ड में है जिन में रमसगरी तालाब, खोडिय़ा तालाब, महिमासागर तालाब, नया तालाब, रामबाग तालाब, कठौली तालाब, बनियातालाब, कलार तालाब, माता तालाब, मकई तालाब, बठेना तालाब, लिमाही तालाब, आमातालाब शामिल है. इनमें से कई तालाब के किनारो पर अतिक्रमण हो चुका है बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि इन तालाबों का आकार पहले काफी बड़ा था धीरे-धीरे अतिक्रमण कर तालाबों का दायरा घटता गया।
निगम अब इन तालाबों के सौंदरीकरण व सहेजना चाहती है लेकिन फंड का अभाव हर बार इस कार्य में रोड़ा अटकाते रहा है. बता दे कि शहर के कुछ तालाब जैसे मकई तालाब और रमसगरी तालाब, सौंदरीकरण के बाद सुरक्षित है। तालाब में अब अतिक्रमण की समस्या नहीं रह गई है बल्कि शहर वासियों को एक अच्छा टहलने और वॉक का स्थान मिल गया है। इसी प्रकार आमा तालाब को भी सड़क की ओर से बाउंड्रीवॉल कर सजाने का प्रयास किया गया है। लेकिन सौंदर्यीकरण वाले तालाब में सिर्फ मकई तालाब को छोड़ दे तो शेष रमसगरी आमा तालाब और कांटातालाब में सौंदर्यीकरण को सहजा नहीं जा रहा है. कांटातालाब में ओपन जिम कबाड़ में तब्दील हो रहा हैं। रमसगरी तालाब में बनाया गया उद्यान भी आसामाजिक तत्वों के जमघट से और निगम की अनदेखी से पब्लिक से दूर होते जा रहा है।