कुरुद में भगवान श्री गणेश की विधिविधान के साथ हुई हवन-पूजन व पूर्ण आहूति
कुरुद:- गुरुवार को अनंत चतुर्दशी पर नगर सहित अंचल में भगवान श्री गणेश के दरबार मे हवन-पूजन के साथ पूर्ण आहूति हुई। कुरुद के प्रमुख स्थानों पर शुभ मुहूर्त में आज सुबह घरों व नगर के मुख्य पंडालों में महराज श्री विकास शर्मा जी के सानिध्य में विधिविधान के साथ हवन-पूजन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। सभी ने लंबोदर महराज के सम्मुख जनकल्याण की कामना के साथ सुख-समृद्धि की अर्जी लगाई। साथ ही प्रसादी वितरण किया गया.इसी के साथ गणपति बप्पा के विसर्जन का सिलसिला भी प्रारम्भ हो गया.विदित है कि हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी व्रत का बड़ा महत्व है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाया जाता।इस दिन भगवान हरि की पूजा करते हैं और पूजा के बाद अनंत धागा धारण करते हैं।इस दिन गणेश के विसर्जन के साथ दस दिन चलने वाले गणेशोत्सव का समापन भी होता है।यह व्रत धन और संतान की कामना से किया जाता है।अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है।इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है।इस दिन अनंत भगवान (भगवान विष्णु) की पूजा के बाद बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है।ये कपास या रेशम से बने होते हैं और इनमें चौदह गाँठें होती हैं। इस दिन गणेश विसर्जन होने की वजह से इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है।भारत के कई राज्यों में यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।कई जगहों पर इस दिन झांकियां भी निकाली जाती हैं।पौराणिक मान्यता के अनुसार अनंत भगवान ने सृष्टि के आरंभ में चौदह लोकों तल, अतल, वितल, सुतल,तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी। इन लोकों का पालन और रक्षा करने के लिए वह चौदह रूपों में प्रकट हुए थे, जिससे वे अनंत प्रतीत होने लगे. इसलिए अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। इस दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।यह जानकारी मुकेश कश्यप ने दी।