मैत्री विहार में मैत्री महिला समिति का गर्भदीप उत्सव, माता की भक्ति में झूम कर गरबा खेल रहे है सनातनी
सनातन में हर संस्कृति समाहित, सनातन की शक्ति से ही आज तक भारत एक है- पं राजेश शर्मा
धमतरी हिन्दू वर्ष का शरद नवरात्र का पर्व मनाया जा रहा है, धमतरी में माता शक्ति के भक्त जगह जगह दुर्गा स्थापना की गई है, धमतरी के मैत्री विहार कालोनी की महिलाए गरबा महोत्सव का आयोजन कर रही है, ये आयोजन मैत्री विहार कॉलोनी के मैत्री दुर्गा पार्क में किया गया है, आयोजन करने वाली मैत्री महिला समिति ने बताया कि, रोजाना शाम साढ़े 8 बजे माँ की आरती होती है, और चुनाव आचार संहिता का पालन करते हुए रात 9 जे से 10 बजे तक गरबा खेला जाता है।9 दिनों तक रोजाना धमतरी के जानी मानी हस्तियां क्रमशः कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी तय है, जिसमे राजेन्द्र शर्मा, खूबलाल ध्रुव, हेमलता शर्मा, कुमार रणसिंह, कवींद्र जैन, महेंद्र खंडेलवाल, भगेश बैद, चंद्रकला पटेल और प्रकाश शर्मा मंच पर उपस्थित रहेंगे.
यूथ में गरबा का जबर्दस्त क्रेज
15 अक्टूबर से शुरू नवरात्र महोत्सव के साथ ही मैत्री विहार में गरबा शुरू हो गया, जिसमें रोजाना बड़ी संख्या में महिला और खास तौर पर युवतीयां पहुंच रही है, डीजे पर गरबा सांग प्ले कीया जा रहा है और ढोल की थाप पर मनमोहक नृत्य कीया जा रहा है। हर दिन के लिये तय ड्रेस औ्रर कलर कोड के मुताबिक लोग सज धज कर पहुंचते है, सभी प्रतिभागी पूरे जोश और उत्साह के साथ एक लय में जब चौकड़ी और छकड़ी स्टेप लेकर थिरकते है तो नजारा देखते ही बनता है। नव रात्र के पहले ही दो दिन में गरबा की धूम छाई हुई है। खास तौर पर यूथ में गरबा ज्यादा लोकप्रिय हो चुका है।
गरबा खेलने और देखने वालो के लिये शानदार इंतजाम
मैत्री विहार के गरबा ग्राउंड की सजावट भी देखते ही बनती है आकर्षक रंग बिरंगे जगमगाते झालर और उसके नीते नृत्य करते गरबा प्रेमी, इश गरबा को देखने के लिये भी धमतरी के लोग बड़ी संख्या में पहंच रहे हैं गरबा देखने वाले के लिये भी अलग से गैलरी बनाई गई और बैठने की व्यवस्था रखी गई है। साथ ही मंच बनाया गया है जिसमें मुख्य अतिथि के साथ शहर के गणमान्य नागरिक विराजित होते है। गरबा में संगीत औ्र म्यूजिक सिस्टम का इंपार्टेंस ज्यादा है इसके लिये, बेहतरीन डीजे आर्टिस्ट और स्टेंडर्ड म्यूजिक सिस्टम लगाया गया है।
9 दिनो के लिये ड्रेस औ्रर कलर की थीम, अतिथि भी तय
मैत्री महिला समिति की तरफसे हर दिन प्रतियोगिता भी रखी गई है। पहले दिन 15 अक्टूबर को कृष्ण रामलीला की थीम पर ड्रेस पहनकर गरबा खेला गया , इसी तरह 16 को छत्तीसगढ़ वेशभूषा का थीम है, 17 को फैंसी ड्रेस, 18 को जोड़ी कमाल की थीम है, 19 को बॉलीवुड ड्रेसिंग, 20 को प्रादेशिक भूषा, 21 को गुजरती 22 को इंडो वेस्टर्न और अंतिम दिन 23 अक्टूबर को फनी वेश भूषा में गरबा होगा। 9 दिन तक जो भी प्रतिभागी बेस्ट ड्रेस और डांस का प्रदर्शन करेगा उन्हें अच्छा खासा इनाम भी दिया जाएगा।
सनातन में हर संस्कृति समाहित है, सनातन से ही आज भारत एक सूत्र में बंधा है- पं राजेश
ये पूरा आयोजन समाजसेवी पं राजेश शर्मा की तरफ से करवाया जा रहा है, और अंतिम दिन के कार्यक्रम में समाजसेवी और भाजपा नेता पँ राजेश शर्मा के हाथों विजेताओं को पुरस्कार का वितरण किया जाएगा। पं राजेश शर्मा ने बताया कि, नवरात्री का पर्व माता शक्ति की आराधना का पर्व है, गरबा भी माता को प्रसन्न करने के लिये किया जाता है, पहले गरबा गुजरात के लोक नृत्य तक सीमित था, जहाँ पहले इसे गर्भदीप उत्सव कहा जाता था, महिलाएं गर्भ यानी घड़े में दीपक जला कर माता के सामने नृत्य करती थी, लेकिन समय के साथ ये दूसरे राज्य और संस्कृतियों में समाहित होने लगा, आज इसे सभी गरबा कहते है और अलग अलग राज्यो में अलग अलग संस्कृति के लोग भी गरबा खेल रहे है, सिर्फ देश नही बल्कि विदेशों में भी गरबा के करिए लोग माता की भक्ति कर रहे है, ये दिखाता है कि सनातन संस्कृति ने पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरो दिया है, गरबा के जरिये नवरात्र में शक्ति आराधना करने में सारा देश शामिल हो रहा है। ये माता शक्ति की कृपा है और सनातन की ताकत है।