आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक पांडुरंग शंकरराव मोघे को हजारों ने दी श्रद्धांजलि
रूद्रेश्वर घाट में हुआ अंतिम संस्कार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पीए तुलसी कौशिक ने किया श्रद्धा सुमन अर्पित
धमतरी । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक पांडुरंग शंकरराव मोघे 94 वर्ष का गुरूवार 16 मई की रात्रि 9.30 बजे रायपुर के वीवाय हॉस्पिटल में स्वर्गवास हो गया। श्री मोघे कुछ वर्षों से अस्वस्थ थे। उनका उपचार रायपुर में चल रहा था। उनका पार्थिव शरीर 17 मई शुक्रवार को सुबह 8 बजे जागृति मंडल संघ कार्यालय रायपुर में दर्शनार्थ रखा गया था। उसके बाद उनका पार्थिव शरीर धमतरी लाया गया। अंतिम दर्शन श्रद्धांजलि सभा का आयोजन दोपहर 12 बजे रखा गया। दोपहर 1 बजे अंतिम संस्कार के लिए रूद्री घाट प्रस्थान किया गया जहां अंत्येष्टि की गई। इस अवसर पर रायपुर, भिलाई, दुर्ग, जगदलपुर, कांकेर धमतरी सहित विभिन्न स्थानों से आए हजारों शुभचिंतकों ने स्व. श्री मोघे को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। बता दें कि श्री मोघे मूलत: महाराष्ट्र के निवासी थे। उनका ज्यादातर जीवन छत्तीसगढ़ एवं अविभाजित मप्र राज्य में बीता। वे जीवनभर संघ के प्रचारक रहे। उनका धमतरी की जनता से बेहद लगाव था इसलिए उन्होंने अंतिम क्षण में धमतरी में ही अंत्येष्टि करने की बात जाहिर की थी। उनके आखिरी शब्द को ध्यान में रखकर उनके शुभचिंतकों ने अंतिम संस्कार धमतरी रूद्री घाट में किया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए गणमान्य नागरिकों ने कहा कि श्री मोघे जीवन के अंतिम क्षण तक मां भारती की सेवा में समर्पित रहे। वे संघ के ऐसे प्रचारक थे, जिन्होंने सहज, साधारण शब्दों में स्वयंसेवकों का बौद्धिक मार्गदर्शन किया। व्यवहारिक बातों की जानकारी उदाहरणों के साथ स्पष्ट करते थे। उनका स्नेहिल मार्गदर्शन स्वयंसेवकों ने अनुभव किया। वे हमेशा राष्ट्र के प्रति समर्पित रहे। जीवनभर नि:स्वार्थ भाव से मां भारती की सेवा की। सांस्कृतिक और राष्ट्रीय विचारों से सशक्त वैभवशाली राष्ट्र के निर्माण में उन्होंने अथक कार्य किया।
जीवन परिचय एक नजर में
वरिष्ठ प्रचारक श्री मोघे का जन्म 11 मई 1931 को महाराष्ट्र में हुआ था। श्री मोघे जगदलपुर बस्तर में जीविकोपार्जन के लिए आए थे। 1963 में संघ के प्रचारक बने। धमतरी, दमोह जैसे विभिन्न जिलों के प्रचारक के रूप में उन्होंने स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया। 1975 में आपातकाल के समय सागर में सत्याग्रह करते हुए जेल गए थे। फिर वापस धमतरी जिला आए। रायपुर में संघ कार्यालय के निर्माण के समय उन्हें रायपुर बुलाया गया। रायपुर में 1988 तक रहे। विगत कुछ वर्षों से अस्वस्थता के चलते वे वीवाय हॉस्पिटल में भर्ती हुए जहां उनका निधन हो गया। श्रद्धांजलि सभा व अंत्येष्टि कार्यक्रम में सहप्रांत प्रचारक नारायण नामदेव, जिला संघचालक श्याम अग्रवाल, नगर संघचालक रामलखन गजेंद्र , डॉ. देवनारायण साहू, अवधेश दुबे, ठाकुर राम, पूर्व विधायक इंदर चोपड़ा, रोहिताश मिश्रा, डीपेन्द्र साहू, महेन्द्र पंडित, प्रताप राव कृदत्त, विनोदराव रणसिंह, मनोज कश्यप, घनश्याम साहू, बेदूप्रकाश, गीता ठाकुर, रामचन्द्र देवांगन, बीथिका विश्वस, शिरोमणि राव घोरपड़े, कुमार रणसिंह, लक्ष्मण राव मगर, माधव पवार, मनो पवार, बलवंत शिंदे, बलवंत राव, सूर्या पवार, खूबलाल ध्रुव, मोहन साहू, कोमल सार्वा, दिनेश पटवा, दिनेश नामदेव, राजू सोनकर, गौरव मगर, विजय ठाकुर, रामजी साहू, हरवंश साहू, धनेश्वर राम, जितेन्द्र चन्द्राकर, दुर्गेश कुमार, कमलेश, नोहर साहू, तोषण साहू, योगेश गांधी, जिला प्रचार प्रमुख नीलेश राजा, राजबहादुर राणा, रूपनारायण मिश्रा, अंजना रणसिंह, ज्योति रणसिंह, चेतना रणसिंह, कल्पना रणसिंह, संगीता जगताप, नीतू पवार, दुर्गा रणसिंह सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने शामिल होकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। यह जानकारी संघ के नगर प्रचार प्रमुख उमेश सिंह बशिष्ट ने दी है।