20 साल बाद मिलेगी भिलाई की 40 अस्थियों को मुक्ति
किसी ने दिया नौकर का नंबर, तो किसी की जानकारी गलत, धमतरी के स्वर्गधाम सेवा समिति ने की पहल
धमतरी। भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम में 20 साल से रखे 40 अस्थियों को अब मुक्ति मिलेगी। बुधवार को धमतरी के स्वर्गधाम सेवा समिति को सभी 40 अस्थियां विसर्जन के लिए सुपुर्द किया गया। बता दे कि अब तक स्वर्गधाम सेवा समिति 589 अनजान मृतकों का अंतिम संस्कार कर चुकी है। दरअसल ट्विन सिटी भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम में 20 साल से 40 अस्थियां रखी थी, जो मुक्ति के लिए तरस रही थी। यह जानकारी जब स्वर्गधाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार को लगी तो उन्होंने तत्काल इन अस्थियों की मुक्ति के लिए प्रयास शुरू कर दिया। भिलाई नगर निगम में आवेदन के साथ ही प्रक्रिया शुरू हुई और 7 दिनों में ही विधिवत अनुमति भी मिल गई। बुधवार को अशोक पवार अपनी टीम के साथ रामनगर मुक्तिधाम पहुँचे और मुक्तिधाम के इंचार्ज कृष्णकुमार देशमुख से सभी 40 अस्थियों को अपने सुपुर्द लिया। इस अवसर पर नगर निगम भिलाई के जनसंपर्क अधिकारी शरद दुबे, स्वर्गधाम सेवा समिति धमतरी के संतोष सार्वा, अजय वाल्मीकि, गोपी साहू, लोकेश निषाद उपस्थित थे। 20 साल से ये अस्थियां रामनगर मुक्तिधाम में रखी थी। यहाँ के इंचार्ज ने बताया कि उनकी पोस्टिंग 2008 में यहा हुई, तब ये बात सामने आई। सफाई के दौरान कुछ के नंबर, पता मिले। जब इनसे कॉन्टेक्ट किया गया तो किसी के नंबर गलत थे, तो किसी ने नौकर के नंबर दे रखे थे। परिजनों को सुपुर्दगी के लिए अखबारों, चैनलो के माध्यम से सूचना पहुचाई गई। साथ दिए गए नंबर और पते पर खबर कर संबंधित परिवार के लोगों को अस्थि ले जाने की अपील की गई। लेकिन सिर्फ एक महिला ही अपने परिजन का अस्थि लेने पहुँची। 40 अस्थियों को लेजाने कोई नहीं पहुँचे, तब धमतरी की स्वर्गधाम सेवा समिति को नियमत: अस्थि विसर्जन के लिए सुपुर्द किया गया।
17 अस्थियां अज्ञात, कई कोरोना काल के
स्वर्गधाम सेवा समिति को कुल 40 अस्थियां सुपुर्द की गई। इनमें से 17 अस्थियों का कोई अता-पता नहीं यानी अज्ञात है। वही 23 अस्थियों के नाम पते तो मिले, लेकिन उन्हें कोई लेने नहीं पहुँचे। कुछ अस्थियों के तो पते ही गलत थे। कइयों के परिजन विदेश में रहते है, जिनका न मोबाइल नंबर है और न ही पता।
देश में जहां भी ऐसे अस्थि हो हमें खबर करें-पवार
अनजान मृतकों को 20 साल से मुक्ति दिला रही स्वर्गधाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार ने कहा कि यह बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि इन दिवंगतों के अपने ही अस्थि लेने नहीं आ रहे। सनातन भारत में ऐसा होना बड़ा दुर्भाग्य है। हम हिन्दू रीति रिवाज से सभी अस्थियों का विसर्जन कर हर साल इनका पिंडदान व तर्पण करेंगे। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि भारत में कहीं भी इस तरह मोक्ष के लिए तरस रहे अस्थियां हो तो हमे मोबाइल नंबर 877022221 में खबर करें। अशोक पवार ने कहा कि अस्थि हैंडओवर होने के बाद 20 अक्टूबर को सभी अस्थियों को विसर्जन करेंगे। चित्रोत्पला गंगा नदी रुद्रेश्वर धाम रुद्री धमतरी के पावन तट पर अस्थि विसर्जन करेंगे। अस्थि विसर्जन प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराएंगे।
महापौर विजय देवांगन का मिला सहयोग
अशोक पवार ने बताया कि हमे जैसे ही अस्थियों के बारे में जानकारी मिली हमने नगर निगम धमतरी के महापौर विजय देवांगन को जानकारी दी। उन्होंने भिलाई के महापौर से बात की और संस्था के कार्यो से उन्हें अवगत कराया। भिलाई निगम के एमआईसी में बकायदा प्रस्ताव लाया गया। स्वीकृति मिलने के बाद फिर हैंडओवर लेकर अब अस्थि विसर्जन करेंगे। इस कार्य में महापौर का विशेष सहयोग रहा।