दीपावली को मात्र 10 दिन बाकी, रंग पेंट की डिमांड अपेक्षाकृत कम
वार्निश, चूना पाउडर, पेंट, डिस्टेंपर के दामों में बढ़ोत्तरी
मंहगाई का असर दिख रहा रंग बाजारों पर जल्द ही उठाव तेज होने की उम्मीद
धमतरी । दीपावली पर्व हिन्दुओं का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस पर्व के पूर्व लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों की साफ सफाई रंग रोगन करते है। इसलिए दीपावली के अवसर पर अन्य सामानों के साथ ही रंग पेंट की बिक्री भी सबसे ज्यादा होती है, लेकिन इस बार रंग पेंट का उठाव तुलनात्मक रुप से कम होना बताया जा रहा है।
ज्ञात हो कि 10 नवम्बर को धनतेरस 11 को चौदस और 12 दीपावली मनाया जायेगा। इसलिए 14 को गोवर्धन पूजा पर्व मनाया जायेगा। 15 को भाई दूज होगा। ऐसे में अब दीपावली पर्व को मात्र 10 दिन का समय ही शेष रह गया है। इसलिए बाजार में रंग पेंट वार्निश चूना पाउडर की डिमांड सबसे ज्यादा होनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। इसका मुख्य कारण बढ़ती मंहगाई को माना जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 20 से 30 रुपये तक वार्निश के दाम में वृद्धि हुई है। इस प्रकार प्रति किलों वार्निश 300 से 320 रुपये के दाम में बिक रहा है। चूना के विकल्प पाउडर में भी थोड़ी वृद्धि हुई है। लगभग 10 रुपये की वृद्धि होकर 85 से 95 रुपये प्रतिकिलों के भाव से बिक रहा है। वहीं डिस्टेंपर के दाम में भी थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई है।
कोरोना काल के बाद से व्यापार में नही आ पाई तेजी
कुछ रंग पेंट विक्रेताओं ने बताया कि कोरोना काल साल 2020 से रंग पेंट का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दरअसल रंग रोगन अत्यन्त अनिवार्य नहीं होता यदि आर्थिक स्थिति अच्छी न हो या कोई दुख हो तो रंग रोगन कार्य नहीं होता बजट होने पर ही पुताई कार्य होता है। कोरोना काल से ही लोगो की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है। इसलिए 2020, 2021 में तो काफी कम रंग रोगन हुआ। जिससे व्यापार बुरी तरह चौपट रहा। और वर्तमान में तो मंहगाई से जनता त्रस्त है। इसलिए भी दीपावली के मौके पर जहां सबसे ज्यादा व्यापार होता है अब तक ठीक से उठाव नहीं हो पा रहा है। लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही बाजार में और तेजी आएगी और उनका व्यापार और बेहतर हो पायेगा।
मजदूरी, मंहगे पेंट से पोताई हुआ मंहगा
पिछले कुछ सालों में पोताई सफाई कार्य की लागत काफी बढ़ गई है। इसका मुख्य कारण मजदूरों की बढ़ी मजदूरी और रंग पेंट के बढ़े हुए दाम है। लोगो ने बताया कि कुछ साल पहले जहां 100 से 150 में कुशल मजदूर रंग रोगन कार्य के लिए मिल जाया करता था अब लगभग 350 से 400 की रोजी हो गई है। वहीं ठेका पर पोताई कार्य ज्यादा होता है। यहां भी राहत लोगो को नही मिल रही है। हजारों में पोताई का ठेका दिया जा रहा है। इस पर रंग, पेंट व्हाइट पाउडर डिस्टेंपर के बढ़े हुए दाम बजट को और ज्यादा बिगाड़ रहे है।