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चुनाव, खेती किसानी व पर्व की तैयारियों में लोग व्यस्त, गंगरेल बांध में कम हुई सैलानियों की संख्या

दीपावली पर्व के बाद व गंगरेल मंडई से उमड़ेगी गंगरेल में पर्यटकों की भारी भीड़

धमतरी। गंगरेल बांध प्रदेश का दूसरा सबसे अधिक जलसंग्रहण क्षमता वाला बांध है। उक्त बांध की ख्याति न सिर्फ धमतरी जिले बल्कि पूरे प्रदेश में है। प्रदेश में गंगरेल बांध पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। साथ ही मां अंगारमोती में भक्तों की आपार आस्था के चलते पर्यटन व धर्म का अदभूत संगम है। यहां साल के 12 महीने पर्यटकों व भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लेकिन विगत कुछ दिनों से गगंरेल में पर्यटकों का टोटा है।

ज्ञात हो कि वर्तमान में चुनावी गतिविधियां जोर शोर से जारी है। 17 नवम्बर को जिले के तीनों सहित प्रदेश के 70 विधानसभाओ में मतदान होगा। चुनावी माहौल बना हुआ है। इसके अतिरिक्त दीपावली पर्व कल से प्रारंभ होने वाला है। पर्व की तैयारियों में लोग जुटे हुए है। बाजार में रौनक बढ़ती जा रही है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ हो चुका है लोग धान की कटाई व बिक्री में समय लगा रहे है। इस प्रकार वर्तमान दिनचर्या काफी व्यस्तता भरा सभी वर्ग के लिए है। शासकीय कर्मचारियों की छुट्ट्यिों पर प्रतिबंध है। ऐसे में लोग घूमने फिरने निकल नहीं पा रहे है।

इसी का प्रभाव है कि गंगरेल बांध में पिछले कुछ दिनो ंसे सन्नाटा पसरा हुआ है। बांध में गिनती के पर्यटक पहुंच रहे है। बता दे कि गंगरेल बांध में वाटर स्पोर्ट्स की भी सुविधा है साथ ही बरदिहा लेक व्यु रिसार्ट, ग्रीन एंडवेंचर पार्क, मानव वन, मचानहर्ट जैसे स्थान है। जो पर्यटकों को खूब भाता है। इसके बीच अथाह पानी के बीच बोटिंग का लुत्फ लेने प्रदेश भर के लोग पहुंचते है। हजारों की संख्या में पर्यटक आते है। वहीं मां अंगारमोती की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। यहां मन्नत मांगने व माता के दर्शन व प्रसादी ग्रहण करने लोग बड़ी संख्या में पहुंचे है। लेकिन फिलहाल भक्तों की संख्या उक्त कारणों से घटी है।
बांध में सिर्फ 54 फीसदी पानी


बता दे कि गंगरेल बांध की जल संग्रहण क्षमता 32.150 टीएमसी है। बांध में वर्तमान मे 17.6 टीएमसी जल भराव है। वहीं उपयोगी पानी 12.6 टीएमसी है। बांध में लगभग 54 फीसदी जल भराव जो कि क्षमता का आधा ही है। बांध का पानी रायपुर, धमतरी नगर निगम, भिलाई स्टील प्लांट, आदि के लिए आरक्षित है। ऐसे में रबी फसल के लिए सिंचाई हेतु पर्याप्त मिल पाना को लेकर संचय है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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