पिछले 8 चुनावों में 1 बार भाजपा, दो बार कांग्रेस ने जिले में किया क्लीन स्वीप
1985 और 1993 में कांग्रेस ने तो 2003 में भाजपा ने जीती थी जिले के तीनों विधानसभा सीट
इस बार भी भाजपा-कांग्रेस द्वारा किया जा रहा तीनों सीटों पर जीत के दांवे, 3 को खुलेगी दावों की पोल
धमतरी । प्रदेश में दूसरे चरण का भी विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो गया है। धमतरी जिले के तीनों विधानसभा सीटों पर मतदाताओं ने भारी उत्साह दिखाया है। इस बार रिकार्ड मतदान हुआ है। जिससे दोनो मुख्य विरोधी पार्टी भाजपा-कांग्रेस अपने लिये अच्छा संकेत मान रही है। दोनो पार्टी के नेताओं द्वारा इस बार जिले में क्लीन स्वीप के दांवे किये जा रहे है। लेकिन इनके दावों की पोल 3 दिसम्बर को चुनाव परिणाम के साथ खुल जायेगा।
वैसे धमतरी जिले का चुनावी इतिहास देखे तो अब तक हुए पिछले आठ विधानसभा चुनाव में मात्र जिले में भाजपा या कांग्रेस ने क्लीन स्वीप किया हो। कांग्रेस अब तक दो बार 1985 और 1993 में जिले की तीनों सीटे जीत चुकी है। वहीं भाजपा साल 2003 के चुनाव में ऐसा एक बार कर चुकी है। बता दे कि 1985 में धमतरी से जयाबेन दोशी, कुरुद से दीपा साहू और सिहावा से अशोक सोम को जीत मिली थी। वहीं 1993 के चुनाव में धमतरी से केसरीमल लुंकड, कुरुद से गुरुमुख सिंह होरा, सिहावा से माधव सिंह ध्रुव को जीत मिली थी। उक्त दोनो चुनाव में जिले के एक भी विधानसभा में भाजपा को जीत नहीं मिल पाई थी। इसी प्रकार साल 2003 में एकतरफा जीत भाजपा ने दर्ज की थी। धमतरी से इंदर चोपड़ा कुरुद से अजय चन्द्राकर और सिहावा पिंकी ध्रुव ने जीत दर्ज किया था। इस बार भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था। वहीं 1990 में कांग्रेस ने एक भाजपा ने दो, 1998 में कांग्रेस ने दो, भाजपा ने एक, 2008 में कांग्रेस ने दो भाजपा ने एक, 2013 में कांग्रेस एक भाजपा दो और 2018 में कांग्रेस एक और भाजपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज किया था।
तीनो सीटों पर टक्कर, परिणाम के लग रहे कयास
मतदान के पूर्व रोजाना परिस्थितियां बदलती रही। कभी किसी उम्मीदवार को तो कभी किसी उम्मीदवार को जीताउ बताया गया। हालांकि मतदाताओं के मन की बात किसी को नहीं पता। अब मतदाताओं ने प्रत्याशियों के भाग्य को ईवीएम में कैद कर दिया है और 3 दिसम्बर को मतगणना के साथ ही प्रत्याशियों के भाग्य का खुलासा हो पायेगा। बता दे कि इस बार धमतरी विस से 12, सिहावा से 7, कुरुद से 15 प्रत्याशी है। जिले में कुल 34 उम्मीदवार है। फिलहाल तो चुनाव में टक्कर प्रतीत हो रहा है। लेकिन मतदाता चाहे तो एक बार फिर जिले में क्लीन स्वीप हो सकता है। अब यह भाजपा का होगा या कांग्रेस का यह तो वक्त ही बतायेगा।
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