अव्यवस्था व ग्राहको की कमी के कारण पुराने मंडी के बाहर लग रहा किसान बाजार
किसान बाजार बुरा हाल, अव्यवस्था की भेंट चढ़ रहा बाजार
लगभग 6 साले पहले तत्कालीन कलेक्टर डॉ सीआर प्रसन्ना की पहल पर शुरु हुआ था किसान बाजार
धमतरी। लगभग 6 साल पूर्व तत्कालीन कलेक्टर डा. सीआर प्रसन्ना ने अभिनव पहल करते हुए पुरानी कृषि उपज मंडी में किसान बाजार की शुरुवात कराई थी। जिसका उद्देश्य किसानों की उपज को सीधे ग्राहकों को उपलब्ध कराना था। ताकि किसान व ग्राहकों के बीच के बिचौलिए हट जाए और लोगो को कम दाम पर ताजी सब्जी व फल उपलब्ध हो पाये। कलेक्टर ने अपनी इस सोच को धरातल पर उतारा और रायपुर रोड स्थित पुरानी कृषि उपज मंडी परिसर में किसान बाजार का भव्य शुभारंभ कराया। शुरुवात में किसान बाजार ख्याति फैली न सिर्फ शहर बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोग भी किसान बाजार में ताजी सब्जी व फल सस्ते दामों में खरीदने पहुंच रहे। लेकिन धीरे-धीरे किसान बाजार में अव्यवस्था बढऩे लगी और आज स्थिति ऐसी हो चुकी है कि किसान बाजार सिर्फ नाम का रह गया है। बाजार के नाम पर कुछ सब्जी विक्रेता पुरानी कृषि उपज मंडी के बाहर पसरा लगाकर अपनी उपज बेच रहे है। जबकि पुरानी मंडी के भीतर सन्नाटा पसरा रहता है।
शुरुआती दिनों में किसान बाजार में सब्जियों के दाम रोजाना फिक्स किये जाते थे जिससे ग्राहक फिक्स रेट पर सब्जी खरीद पाते थे। इसके अतिरिक्त विक्रेताओं को बकायदा नम्बर सिस्टम के माध्यम से पसरा अलार्ट किया गया था। व्यवस्था काफी बेहतर थी। रोजाना किसान बाजार में अलसुबह से भीड़ उमड़ती थी। जमकर व्यापार होता था। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। पुरानी पद्धति न तो किसान बाजार लगता है न ही ग्राहकों को पहली जैसी सुविधा मिलती है। धीरे-धीरे लोगो का मोह किसान बाजार से भंग होने लगा। इसलिए बाजार में पसरा ही कम लगने लगा है। लोग पुरानी मंडी के भीतर सब्जी, फल खरीदने कम पहुंचते है। इसलिए अपने सामानों को बेचने विक्रेता पुरानी मंडी के बाहर ही पसरा लगाने लगे है। जिससे किसान बाजार के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे है।
बता दे कि मंडी परिसर में जहां किसान बाजार लगता है वहां भी गंदगी व अव्यवस्था आलम रहता है यह भी एक प्रमुख कारण है कि विक्रेता मंडी के बाहर पसरा लगाते है। ऐसे में जागरुक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि किसान बाजार की व्यवस्था को दुरुस्त करने ठोस पहल करे।