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हर्षल मानव वन हुआ उजाड़, मायूस हो कर लौट रहे पर्यटक

देवगुड़ी सौर मंडल, नक्षत्र वन, राशि वन आदि सुदंदरता व सुविधायें रह गई सिर्फ नाम की

धमतरी । गंगरेल बांध के किनारे मानव वन बनाया गया है। शुरुवात में तो यह गंगरेल पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र था लेकिन धीरे-धीरे अब यह उजाड़ होने के कागार पर है। न सुन्दरता बची है न सुविधायें इसलिए पर्यटकों का मोह मानव वन पार्क से भंग हो रहा है। बता दे कि साल 2017 में मानव वन की शुरुवात की गई। यहां एडवेंडर बच्चों के झूले, बोटिंग के लिए नाव औषधि गार्डन और रेस्टोरेंट भी बनाया गया था। इसका उद्देश्य यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ाना था। साथ ही एडवेंचर के साथ मनोरंजन और बेहतर भोजन का अवसर प्रदान करना था। इससे आमदनी और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करना था। शुरुवात में तो यह उम्मीदों पर खरा उतरी लेकिन धीरे-धीरे यहां व्यवस्था बदहाल होती गई और मेंटनेंस पर ध्यान नहीं देने के कारण अब यह उजाड़ होने के कागार पर पहुंच चुका है। बता दे कि यहां एंट्री के लिये 20 रुपये शुल्क लिया जाता है। लेकिन भीतर जाने के बाद पर्यटकों को यह एंट्री फीस भी बर्बादी लगता है। यहीं कारण है कि लगातार मानव वन से लोगों का मोह घटता जा रहा है। वर्तमान में पिंजरे में कुछ मयूर व अन्य वन्य प्राणी है उसके अतिरिक्त विशेष यहां कुछ भी नहीं रह गया है।


बता दे कि लेकल्यु कार्टेज, वाटर स्पोट्र्स, ग्रीन एडवेंचर गार्डन के अस्तित्व में आने से पहले मानव वन का काफी क्रेज था। लेकिन इस क्रेज को वन विभाग बरकरार नहीं रख सका। पहले मानव वन मे सौरमंडल, नक्षत्र वन, राशि वन, देवगुड़ी आदि बनाये गये थे। लेकिन अब इसका अस्तित्व ही खतरे में है। औषधि पौधे का अता पता नहीं है। सौर मंडल के कई ग्रह टूट फूट चुके है। नक्षत्र वन भी अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई है। न तो अब औषधि पौधे ठीक से बचे है और नही इसकी जानकारी मिल पाती है।
गिनती के लोग पहुंचते है
वैसे तो गंगरेल बांध में पर्यटन सुविधाओं का लगातार विस्तार हुआ है इसलिए पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है। लेकिन मानव वन में पर्यटकों की संख्या सिर्फ घटी है। यहां सुरक्षा के नाम पर भी कुछ नहीं है। गार्डन उजाड़ की तरह है गिनती के कुछ लोग ही मानव वन पहुंचते है। वो भी निराश होकर वापस लौटते है। रायपुर से पहुंचे सिन्हा परिवार के गोवर्धन सिन्हा ने बताया कि बच्चों फैमिली के साथ गंगरेल पहुंचे थे। सभी जगह पर्यटन को बढ़ावा प्रतीत हुआ एक मात्र मानव वन एंडवेंचर पार्क में कुछ भी खास नजर नहीं आया। 20 रुपये एंट्री भी उन्हें पैसो की बर्बादी लगी।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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