Uncategorized

पावर कट, बिजली बिल, लांगटर्म मेंटेनेंस के झंझट से मुक्ति के चलते सौर ऊर्जा संयत्र के प्रति बढ़ी लोगो में रुचि

बिजली पहुंच विहीन क्षेत्रो के लिये हो रहा वरदान साबित, अंधेरे से मिली मुक्ति

सिंचाई सुविधा विहीन क्षेत्रो में लगाये जा रहे सोलर ड्युटपंप, अब किसान ले पा रहे है डबल फसल
धमतरी। सौर ऊर्जा की डिमांड अब बढ़ते जा रही है। लोगो को इस पद्धति और संयत्र के लाभ समझ आने पर सौर ऊर्जा को अपनाया जा रहा है। सामान्य बिजली कनेक्शन के लिये हजारों खर्च करना पड़ता है। पावर कट की समस्या बनी रहती है और करेंट आग लगने सहित अन्य सावधानिया रखनी पड़ती है। और समय-समय पर मेंटेनेंट की आवश्यकता रहती है, लेकिन सौर ऊर्जा संयत्रमें पावर कट की समस्या नहीं रहती। मंहगे बिजली बिल से मुक्ति मिलती है और लांगटर्म मेनटेंस से भी राहत मिलती है। पहले सिर्फ ऐसे क्षेत्रो में जहां बिजली पहुंच सुविधा नहीं होती थी या फिर कम होती थी उक्त क्षेत्रो में सौर ऊर्जा को तवज्जो दिया जाता था लेकिन अब शहरी क्षेत्रो व बिजली पहुंच वाले ग्रामीण क्षेत्रो में भी सौर ऊर्जा को अपनाया जा रहा है। घरो प्लांट में सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण लगाये जा रहे है। इससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है और किसी हादसे की आशंका भी नहीं रहती है। बता दे कि क्रेडा द्वारा विभिन्न योजनाओं के साथ सौ ऊर्जा संयत्र स्थापित करने लोगो को प्रोत्साहित करती है। जिसका धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब सार्थक परिणाम मिल रहा है।
सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र में दूर हुआ अंधेरा


बता दे कि जिले के सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र में कड़े नियमों आदि के कारण विकास अन्य क्षेत्रो की तुलना में काफी कम हुआ। यहां तक की क्षेत्र के कई गांवो में बिजली की सुविधा भी नहीं थी ऐसे में इन गांवो में सौर ऊर्जा वरदान साबित हुआ बता दे कि सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र के दजर्नों गांवो में सौर ऊर्जा संयत्र से रोशनी बिखरती है। पानी की सप्लाई होती है। घरो के उपकरण चलते है। उल्लेखनीय है कि आमाबहार, आमझर, बोईरगांव, चमेदा, डोडाझरिया, गाटाबाहरा, जोरातराई, फरसगांव, रिसगांव, संदबाहरा, ऊजारावन, साल्हेभाट, लिलांज सहित कई गांवो में हजारों घरो में सौर ऊर्जा से रोशनी लाई गई है।
किसानों के लिये भी वरदान से कम नहीं
कई क्षेत्रो में बिजली पहुंच की सुविधा नहीं है और न ही नहर है जिससे सिंचाई हेतु खेतो में पानी पहुंचाया जा सके। ऐसे में सौर ऊर्जा के माध्यम से सोलर ड्युलपंप खेतो में लगाया गया है जो कि किसानो के लिये वारदान के समान साबित हुआ। इससे किसान दोनो फसल ले पाये। सोलर ड्युलपंप की विशेषता यह है कि इसे हैंडपंप से भी जोड़ा जा सकता है। और इमरजेंसी बैटरी से भी चलाया जा सकता है। इस पंप की डिमांड सौर ऊर्जा संयत्रो में सबसे ज्यादा है। अब बंजर क्षेत्रो के किसानों की भी खेती के कारण आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है बता दे कि पंप लगाने के लिये शासन द्वारा कई योजनायें चलाई जाती है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!