आनलाई सट्टा एप से बर्बाद हो रहे कई युवा
मोटी रकम हारकर आत्महत्या व अपराध की ओर हो रहे है प्रेरित
आनलाईन सट्टा जुआ एप पर रोक लगाना फिलहाल मुश्किल, जागरुकता के प्रयास जरुरी
धमतरी । पिछले कुछ सालों में हर काम आनलाईन होने लगा है। ऐसे में अपराधिक प्रवृत्ति के लोग कंहा पीछे रहने वाले थे। उन्होने एक ऐसा प्लेटफार्म बनाया जहां आनलाईन जुआ, सट्टा खेला जा सके। इससे पैसे भी आनलाईन ट्रांसफर हो सके और खेलने और खेलाने वाले की जानकारी किसी को भी न हो। ऐसे ही कई आनलाईन जुआ, सट्टा एप छत्तीसगढ़ व धमतरी जिले में सालों से चल रहे है। पहले यह एप ज्यादा पापुलर नहीं था, लेकिन पिछले दो सालों में आनलाईन जुआ सट्टा धमतरी जिले में तेजी से फैला है। अब तक इनके चंगुल में हजारों लोग फंस चुके है। बता दे कि कई युवा आनलाईन एप में लाखों रुपये हार चुके है। हार के बाद उधार चुकाने के लिए घर में चोरी या अपराध की ओर बढ़ते है। वहीं कई ऐसे है जो ज्यादा मानसिक रुप से परेशान हो चुके होते है वे आत्मघाती कदम भी उठा सकते है। यदि पूर्व में युवाओं द्वारा किये गये कई आत्महत्या के मामले की उनके करीबी दोस्तों से पड़ताल की जाये तो स्पष्ट हो सकता है उधार के टेंशन और वसूली के दबाव में उन्होने आत्मघाती कदम उठाया है। अब विडम्बना यह है कि पुलिस के सामने भी इस आनलाईन एप पर रोक लगाना चुनौती है। दरअसल शासन स्तर पर इस पर रोक व कारर्वाई के तथ्यों को जानने राज्य सरकार द्वारा एक कमेठी बनाई थी लेकिन इससे कोई मद्द नही मिल पाई। जिला पुलिस के जागरुकता कार्यक्रमो से युवाओं को जुए के इस लत से दूर नहीं किया जा सका है।
इसलिए पुलिस के लिए होती है मुश्किल
आनलाईन सट्टा एप आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। कुछ इंट्रक्शन्स फालों करने के बाद एप चालु हो जाता है। एप में पैसे ट्रांसफर कर जुआ, सट्टा खेला जा सकता है। चूंकि यह पूरा सिस्टम मोबाईल से ही आपरेट हो जाता है। इसलिए पुलिस के लिए भी यह काफी मुश्किल हो जाता है। और सट्टा खेलवाने वाला कंहा से आपरेट कर रहा है। यह किसी को पता नहीं होता इसलिए पुलिस को भी उन तक पहुंचने में दिक्कत आती है। अभी महादेव और अन्नारेड्डी बुक के साथ ही कुछ अन्य साईड भी है जिनमें जिले के युवा आनलाईन बैटिंग कर रहे है। कई नये एप भी आये दिन आते रहते है। लेकिन लोग उसी एप में आनलाईन सट्टा खेलते है जिनमें पैसे मिलने का भरोसा हो।
पूर्व में दुर्ग पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई काबिले तारीफ
बता दे कि प्रदेश में कई आनलाईन सट्टा एप संचालित है, लेकिन दुर्ग और रायपुर पुलिस द्वारा पूर्व में की गई कारर्वाई काबिले तारीफ है। शेष जिलो की पुलिस इस मामलों में एक्टिव ही नहीं है। धमतरी पुलिस का भी इस दिशा में कोई प्रयास नजर नहीं आता जिले के कुछ लोग आनलाईन सट्टा एप संचालन कार्य से जुड़े हो सकते है। पूर्व में कुछ लोगों द्वारा एकाउंट आपरेट करने के नाम पर पैसे देने का आफर दिया करते थे ऐसी चर्चा थी । यदि जिला पुलिस भी सूक्ष्मता से जांच करें तो शायद इस काले कार्य पर रोक लगाने में मद्द मिल सकें।