बिजली बिल पटाने में कई शासकीय विभाग बरत रहे उदासीनता
लगभग 12 करोड़ से अधिक की है राशि है बकाया वसूली हेतु पुन: जारी होगा नोटिस
सबसे अधिक ग्राम पंचायतों का बकाया है साढ़े आठ करोड़ से अधिक का बिल
धमतरी । बिजली विभाग वैसे तो कुछ हजार या दो तीन महीने का बिजली बिल जमा न करें तो कनेक्शन काटने पर उतारु हो जाता है। लेकिन जब बात शासकीय विभागों के विद्युत कनेक्शन की हो तो नियम कायदे बदल जाते है। हजारों लाखों नहीं करोड़ का बिल भी महीनों सालों से बकाया रहता है। धमतरी विद्युत संभाग अन्तर्गत कई शासकीय विभाग व उनके कार्यालय संचालित है। जिनका नियमित बिजली बिल नहीं भरा जाता धीरे-धीरे उदासीनता के चलते बिजली बिल लाखों करोड़ो में पहुंच गया है विद्युत विभाग द्वारा बकाया बिल वसूलने कई बार नोटिस भी जारी किया जा चुका और एक बार पुन: पत्र लिखकर नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है। बता दे कि जिले के 32 सरकारी विभागों पर 12.75 करोड़ का लगभग बिजली बिल बकाया है। इनमें सबसे ज्यादा ग्राम पंचायतो का 8.76 करोड़ बिल शेष है। वहीं पुलिस विभाग का 1 करोड़ 15 लाख नगर पंचायत का 53 लाख, शिक्षा विभाग का 43 लाख, नगर निगम का 34 लाख, लोकनिर्माण विभाग का 27 लाख, वन विभाग का 23 लाख बाकी है। वहीं राजस्व हाउसिंग बोर्ड आदिमजाति कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला व बाल किकास विभाग, जनपद पंचायत, जल संसाधन विभाग आरईएस विभाग का लाखों का बिजली बिल बकाया है। बता दे कि पूर्व में विद्युत विभाग द्वारा सख्ती बरतते हुए कुछ शासकीय विभागो का कनेक्शन काटा गया था जिससे इनमे हड़कंप मच गया था। इसके पश्चात सरकार के निर्देश पर पुन: विद्युत बहाली हुई थी। बाउजूद इसके बिजली बिल पटाने विभागों द्वारा विशेष रुचि नहीं दिखाई गई।
इन विभागों का नहीं है बकाया बिल
कुछ विभाग ऐसे भी है जो नियमित रुप से विद्युत बिल जमा करते है। इससे इन विभागों का बिल बकाया नहीं रहता। इनमें आबकारी विभाग, परिवहन, जेल विभाग, ग्राम उद्योग विभाग, आयकर विभाग, डाक विभाग, ट्रेजरी विभाग, श्रम विभाग, रोजगार विभाग, सांख्यिकी विभाग पर कोई राशि बकाया नहीं रहती। जब इन विभागों द्वारा नियमित तरीके से राशि जमा कराया जा सकता है तो शेष शासकीय विभागों द्वारा बिल जमा करने की व्यवस्था शासकीय व विभाग स्तर पर किया जा सकता है। लेकिन इस ओर अधिकारियों की उदासीनता से बिल बढ़ता जा रहा है।