जेनेरिक दवाईयों पर 50 प्रतिशत से ज्यादा की छूट लेकिन डाक्टर्स लिख रहे ब्रांडेड दवाई
सभी शासकीय डाक्टरों को जेनेरिक दवाई लिखना किया गया है आनिवार्य, लेकिन नहीं होता पालन
कई गुणा अधिक दाम पर ब्रांडेड दवा खरीदने मजबूर हो रहे मरीज
धमतरी 8 जनवरी (हाईवे चैनल)। शासन द्वारा मरीजों को राहत देते हुए पूर्व में सभी शासकीय चिकित्सकों को मरीजों को जेनेरिक दवाई लिखने निर्देशित किया गया है। लेकिन ज्यादातर डाक्टर्स इसका पालन नहीं करते और ब्रांडेंड दवा लिखते है। इससे मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ता है। ज्ञात हो कि जेनेरिक दवाईयां आसानी से उपलब्ध करवाने मरीज को ब्रांडेंड दवा के बोझ से बचाने जिले में 7 धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स खोला गया है। धमतरी शहर में आमातालाब रोड पर इंडोर स्टेडियम परिसर, व जिला अस्पताल के पास जेनेरिक मेडिकल खोला गया है। वहीं कुरुद मगरलोड, आमदी, भखारा नगरी में भी एक एक धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स खोला गया है। लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि सामान्य मेडिकल स्टोर्स की तुलना में जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स में ग्राहकों का टोटा होता है। दरअसल मरीज वहीं दवाई ही खरीदते है जो डाक्टर पर्ची पर लिखते है। और निजी सहित शासकीय डाक्टर्स ज्यादातर ब्रांडेंड दवा ही लिखते है। इसलिए सामान्य मेडिकल स्टोर्स में ज्यादा भीड़ रहती है। डाक्टरों के ब्रांडेंड दवा लिखने के कारण शासकीय अस्पताल पहुंचने वाले गरीब व मध्यम वर्गीय मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। कई गुणा अधिक दाम पर मरीजों को दवाई खरीदना पड़ता है।
सामान फार्मूला और प्रभाव लेकिन दाम मेंं काफी अंतर
ज्ञात हो कि ब्रांडेंड दवा और जेनेरिक दवा बनाने का फार्मूला एक ही होता इनका प्रभाव भी मरीजों पर एक समान ही होता है लेकिन जेनेरिक दवाओं की कीमत कम होती है और बड़ी कंपनियों की ब्रांडेंड दवा काफी मंहगी होती। बाउजूद इसके लोग जेनेरिक की जगह ब्रांडेंड दवा खरीदते है। दरअसल लोगों की यह मानसिकता है कि जेनेरिक दवाई ज्यादा असर कारक नहीं होती क्योंकि यह सस्ती होती है जबकि ऐसा नही है। ब्रांडेंड दवा इसलिए ज्यादा मंहगी होती क्योंकि बड़ी कंपनियां ब्रांडिंग एडवायइजिंग, सेलिंग और डाक्टरों को गिफ्ट आदि में ज्यादा पैसा लगाती है। इसलिए दवाई के दाम बढ़ जाते है। चर्चा है कि ब्रांडेंड दवा में कंपनियों और दवा विक्रेताओं का भी जेनेरिक से कंही ज्यादा कमीशन होता है।
कंपनियां देती है डाक्टरों को गिफ्ट
बता दे कि कई दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव निजी व शासकीय अस्पतालों में मंडराते रहते है वे डाक्टरों को दवाई के लाभ उपयोग बताते है। लेकिन चर्चा है कि दवा कंपनियों द्वारा जितनी ज्यादा जिस कंपनी की दवा की बिक्री मद्द करेंगे। जितना उस कंपनी की दवा लिखेंगे उतना ही ज्यादा मुनाफा कंपनी को होगा और उस हिसाब से डाक्टर्स को गिफ्ट भी प्रदान किया जाता है।