देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा हेतु समर्पित रहा श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जीवन – रंजना साहू
धमतरी। जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि 23 जून को बलिदान दिवस के रूप में याद की गई, देशहित के लिए तत्पर रहे पूज्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी जनसंघ व नव भारत के निर्माता के रूप में सदैव स्मरणीय रहेंगे, उनके बलिदान दिवस पर विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने अपने निज निवास में उनके छायाचित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुऐ उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। जारी प्रेस नोट में विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक, प्रखर राष्ट्रवादी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए था, प्रतिक्षण देश के लिए समर्पित उनका जीवन सदैव देशवासियों में आपसी प्रेम, सद्भाव और राष्ट्रसेवा की भावना जागृत कराता है, 1947 में भारत देश के आजादी के बाद भारत देश का विभाजन हो रहा था उस समय मुश्किल हालात में देश को एकता और अखंडता के सूत्र में बांधने के लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना अतुलनीय योगदान देकर नवभारत के निर्माण का प्रथम प्रयास किए, स्वतंत्र भारत के बाद देश के बलिदानी योद्धा डॉ मुखर्जी थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश हित के लिए समर्पित किए। श्रीमती साहू ने जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत के एक ऐसे अग्निधर्मा सपूत थे जिन्होंने वचन लिया था कि मैं कश्मीर में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलने दूंगा और उन वचनों की पूर्ति के लिए स्वयं आगे बढ़े,कश्मीर और भारत के उनके मूलमंत्र को आत्मसात करते हुए आज भाजपा ने केंद्र में अपनी सरकार बनाते ही धारा 370 को समाप्त कर उनके सपनों को पूरा कर भारत के मस्तिष्क को ऊंचा करने का कार्य किया,आज के दिन हम अपने पुरोधाओं के बताए मार्गों पर चलते हुए एक भारत की दिशा में आगे बढऩे का संकल्प लें यही डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।