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भाजपाईयो ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया

भाजपा मंडल धमतरी द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जीवनी पर प्रकाश डाला उनके द्वारा भारतवर्ष को अखंड भारत बनाने का सपना याद दिलाया. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत में दो विधान दो प्रधान और दो निशान के सख्त विरोधी थे। उनका कहना था कि भारतवर्ष में जम्मू कश्मीर में जाने के लिए भारत के नागरिकों को वीजा लेना पड़ता है और तात्कालिक समय में जम्मू कश्मीर में जम्मू.कश्मीर का अलग झंडा होता था और वहां के वजीरे आजम भी दूसरे होते थे। इसलिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी पूरे भारतवर्ष में जम्मू.कश्मीर सहित एक विधान, एक प्रधान, एक निशान के समर्थक थे। इसके लिए उन्होंने अखंड भारत का आंदोलन किया और श्रीनगर लाल चौक में भारत का तिरंगा पहली बार फहराया. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवनी के बारे में नीलेश लुनिया व अखिलेश सोनकर के कहा कि डा. मुखर्जी न केवल बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे अपितु प्रखर राष्ट्रवादी, शिक्षाविद्, राजनैतिज्ञ, अखण्ड भारत के प्रणेता भी थे। जीवन के अल्पकाल में उन्होने वो कई असंभव का लगने वाला कार्य कर दिखाया। डा. मुखर्जी ने जवाहर लाल नेहरू की गलत कश्मीर नीति का विरोध करते हुए कहा कि एक देश में दो प्रधान, दो निशान, दो विधान नहीं हो सकते। कश्मीर से धारा 370 समाप्त कराने के लिए उन्होने बिना परमीट जम्मू जाने का फैसला किया जहां कश्मीर की अब्दुल्ला सरकार द्वारा धोखे से गिरफ्तार कर कश्मीर के एक झोपड़ी नुमा जेल में डाल दिया गया । 23 जून को डा. मुखर्जी की उस झोपड़ीनुमा जेल मे जिसमें न तो टेलीफोन कनेक्शन था और न ही घूमने फिरने की आजादी, जहां उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई, इस प्रकार राजनीति का एक ध्रुव तारा अल्प जीवन काल में ही इस दुनिया से विदा हो गयॆ. इस कार्यक्रम में भजपा मण्डल के जेस्ट श्रेस्ठ कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे.

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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