केन्द्री से अभनपुर तक हुआ ट्रेन का ट्रायल, धमतरी में कब्जा के चलते काम धीमा
5 साल से पीएम आवास का काम अटका, रेल्वे प्रबंधन कई नोटिस जारी कर दे चुका है कब्जा खाली करने के निर्देश
कब्जा खाली होने के बाद काम में आएगी तेजी, 547 करोड़ की मिली है प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी
धमतरी। धमतरी से अभनपुर, केन्द्री तक बड़ी रेललाईन की स्वीकृति सालों पहले मिल चुकी है। जिसके तहत अभनपुर केन्द्री तक बड़ी रेल लाईन बिझाने व स्टेशन निर्माण आदि कार्य तीव्र गति से हो रहा है। लेकिन धमतरी क्षेत्र में यह कार्य काफी कछुआ चाल से आगे बढ़ रहा है। इसका प्रमुख कारण है कब्जा। जब तक कब्जा नहीं हटेगा काम में तेजी संभव नहीं है। एक ओर जहां 6 फरवरी को अभनपुर व केन्द्री के मध्य हाई स्पीड ट्रेन के संचालन का ट्रायल किया गया है जो कि सफल बताया जा रहा है। जबकि धमतरी में कब्जा खाली कराने में ही सालों बीत गये है। पुराने रेल्वे स्टेशन परिसर में कई निर्माण कार्य हुए है। पुराने भवन को डिस्मेंटल किया गया है। लेकिन एक हिस्से को सुरक्षित रखकर वर्तमान कामकाज चलाया जा रहा है।
बता दे कि धमतरी में अभनपुर, केन्द्री राजिम तक 544 करोड़ की लागत से 67.20 किमी. ब्राडगेज का काम स्वीकृत हुआ है। नवा रायपुर से अभनपुर तक पटरी बिझाने का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ ही पटरियों पर ट्रेन संचालन का ट्रायल भी किया है। अभनपुर केन्द्री में स्टेशन की पूरी संरचना तैयार कर ली गई है। लेकिन धमतरी में काम काफी पिछड़ा हुआ है। धमतरी जिले में पटरियों के लिए भूमि अधिग्रहण हो चुका है। इस ओर भी अब तेजी से पटरियां बिछाई जाएगी। वहीं धमतरी में स्टेशन निर्माण जारी है। मालगोदाम, दीवाल, सड़क आदि निर्माण जारी है। लेकिन तेजी व व्यापक तौर पर निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। इसके लिए कब्जा हटाना पड़ेगा। हालांकि पूर्व में रेल्वे द्वारा अंतिम नोटिस जारी कर कब्जा खाली करने कहा था जिसके चलते कुछ कब्जाधारी परिवारों ने कब्जा खाली कर अधूरे पीएम आवास में शरण ली थी।
व्यवस्थापन की नहीं हो पा रही व्यवस्था, निगम सिर्फ आश्वसन तक सीमित
बता दे कि कब्जाधिकारियों के व्यवस्थापन हेतु पूर्व में 287 युनिट आवास करीब 11.38 करोड़ की लागत से बनाया जाना था लेकिन महिमा सागर वार्ड में निर्माणाधीन पीएम आवास कालोनी 5 सालों से अधूरी है। 300 युनिट का बहुमंजिला भवन निर्माण पूरा नहीं हुआ है। ठेका निस्तर कर पुन: टेंडर किया गया है। और जल्द निर्माण पूरा करने की बात कही जा रही है लेकिन ऐसे आश्वासन पिछले काफी समय से प्रभावितों को मिलता रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं हो पा रहा है अब तक कई बार प्रभावितों द्वारा कई बार निगम कलेक्ट्रेट आदि पहुंच कर अपनी समस्या बता चुके है लेकिन आश्वासन ही मिला है।