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चुस्की, आईसक्रीम, कुल्फी, जूस में धड़ल्ले से हो रहा बर्फ का उपयोग, गुणवत्ता भगवान भरोसे

बर्फ फैक्ट्रियों की नियमित जांच जरुरी, पानी और पात्र की शुद्धता है सेहत के लिए जरुरी

धमतरी। गर्मी की दस्तक हो चुकी है। पारा 35 डिग्री को पार करने लगा है। दिन में धूप तेज और हवा में गर्माहट महसूस होती है। तापमान बढऩे के साथ ही बच्चों से लेकर सभी उम्र के लोगों द्वारा शीतल पदार्थो का सेवन किया जा रहा है। गर्मी बढ़ते ही शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रो में चुस्की के ठेले लगना प्रारंभ हो गया है। इसके साथ ही अन्य शीतल पेय पदार्थो का सेवन कर रहे है। लेकिन इसकी शुद्धता और सेहत के नुकसान को नजर अंदाज किया जा रहा है। ज्ञात हो कि सभी प्रकार के शीतल पदार्थो में बर्फ का उपयोग होता है। सबसे ज्यादा चुस्की के ठेलो में बर्फ और चासनी के मिश्रण को लोग चुस्की के रुप में सेवन कर रहे है। यहां पर बर्फ का शुद्ध होना अत्यंत, आवश्यक है। वैसे तो शहर में कई बर्फ की फैक्ट्रियां है। जिनकी नियमित जांच होनी जरुरी है। गर्मी के मौसम में बर्फ की खपत कई गुणा बढ़ जाती है। ऐसे में बर्फ किस पानी का जमाया जा रहा है और जमाने वाले पात्र शुद्ध व साफ है या नहीं यह भी गंभीर विषय है। इस मामले में जरा सी लापरवाही हजारों लोगों की सेहत बिगाड़ सकती है। बता दे कि न सिर्फ चुस्की में बल्कि गन्ना रस, मैंगो शेक व अन्य प्रकार के जूस हैंण्ड मेड आईसक्रीम कुल्फी में भी सफेद सामान्य बर्फ का उपयोग होता है। यदि बर्फ पूरी तरह शुद्ध है तो ठीक है और यदि इसमें शुद्धता सही न हो तो यह काफी घातक साबित हो सकता है।
आ सकती यह शारीरिक समस्याएं
बर्फ बीमारियों का कारण भी बन सकता है यदि बर्फ दूषित हुआ तो इससे मानव स्वास्थ्य पर कई विपरीत प्रभाव पड़ सकते है। इससे एनीमिया की शिकायत, डायट्री समस्या, दांतो को नुकसान, मुंह की समस्या, रक्त धमनियमों आदि हो सकती है। इसके अतिरिक्त केमिकल युक्त रंगो वालों चासनी और दूषित बर्फ मिलकर सेहत को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते है। इसलिए चिकित्सक ऐसे चुस्की के सेवन से बचने की सलाह देते है।


कई प्रकार के होते है बर्फ
वैसे तो रसायनिक आधार पर अलग-अलग उपयोग के लिए अलग-अलग बर्फ की प्रकार होती है। खाने की बर्फ अलग और जमाने ठण्डा रखने आदि उपयोग के लिए बर्फ अलग होती है। नान एडिबल बर्फ का उपयोग सामानों को ठंडा रखने के लिए होता है वहीं सेवन योग्य बर्फ पूरी तरह से या तो पारदर्शी या सफेद होना चाहिए।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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