जल बचाओ कल बचाओ के संकल्प के साथ मनाया गया होली त्यौहार
बच्चो ने हास्य कवि सम्मलेन के साथ दी रंगारंग प्रस्तुति
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय धमतरी के तत्वावधान में दिव्यधाम में बहुत ही उमंग के साथ आध्यत्मिक तरीके से होली मनाकर आनंद लिया | होली के दिन सभी भाई बहने परमात्मा के घर ज्ञान की होली खेलने सुबह 6 बजे से ही पहुँचने लगे | सरिता दीदी ने सर्वप्रथम सभी को ज्ञान के सागर में डुबोकर पवित्रता सुख शांति प्रेम की अनुभूति के विभिन्न रंगों से आत्मा को रंग दिया | होली का आध्यत्मिक रहस्य बताते सरिता दीदी ने कहा होली अर्थात हो ली जो पुराणी बात हो गई उसे भूल जाओ और प्रेम का रंग लगाकर फिर से अच्छे से रहो | होली अर्थात अपने अन्दर के बुराईयों को परमात्म योग अग्नि में जलाना और फिर ज्ञान का रंग लगाना | ये अविनाशी रंग है जो कभी जीवन को फीका नहीं बनाता ,हमेशा ही खुशहाल रंगीन रखता है |
सरिता दीदी ने सभी को जल बचाने की प्रतिज्ञा कराई ,सभी ने जल बचाने के नारे भी लगाये |
परमात्मा शिवबाबा के पूर्व वाणी के होमवर्क अनुसार सभी ने हवनकुंड में क्रोधमुक्त होने के संकल्प के साथ अपना संकल्प पत्र डाला और क्रोध को स्वाहा किया |
इस अवसर पर बच्चो ने बहुत सुन्दर हास्य कवी सम्मलेन की रंगारंग प्रस्तुति दी जिसका सभी ने बहुत ही आनंद लिया | सरिता दीदी ने सभी पर केसर के पानी की पिचकारी चलाई और बहनों ने सभी भाई बहनों पर गुलाब पुष्प के पंखुडियो की वर्षा की |अंत में सभी को गुलाल का तिलक लगाकर भोग खिलाया गया |