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बिजली की आंख मिचौली से परेशान है जनता, दिन में कई बार हो रही है बिजली गुल

बढ़ी बिजली की खपत, आंधी तुफान और खराब मौसम से विद्युत उपकरणों में आ रही खराबी

वनाचंल क्षेत्रो में बढ़ी लो वोल्टेज की समस्या, सिंचाई आदि कार्य हो रहा प्रभावित
धमतरी। गर्मी के मौसम में बिजली की आंख मिचौली आम बात हो गई है। और पिछले कुछ दिनों से गर्मी और बरसात दोनो का अहसास एक साथ होता रहा है जिसका असर विद्युत सप्लाई पर भी पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से विद्युत गुल होने की समस्या बढ़ी है। जिससे जनता परेशान है। बता दे कि गर्मी के शुरुवात के साथ ही विद्युत की खपत काफी बढ़ गई है। जिससे ट्रांसफार्मरों और अन्य विद्युत उपकरणों में बढ़े हुए लोड के कारण खराबी आ रही है। जिससे विद्युत आपूर्ति ठप्प हो जाती है। वहीं मौसम में रोजाना बदलाव तेज हवायें, आंधी, तुफान और बारिश के कारण भी कई स्थानों पर पेड़ व झाडिय़ों तारों पर गिर गई कई तरह की खराबी विद्युत उपकरणों में आ रही है। इसके कारण मेंटनेंस आदि के दौरान विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है। ज्ञात हो कि जिले में 2 लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ता है। इनमें डेढ़ से लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ता है। शेष कर्मिशियल कृषि व औद्योगिक कनेक्शन है। जिले में विद्युत सप्लाई सुचारु रखने 6 हजार से ज्यादा ट्रांसफार्मर लगाये गये है। बाउजूद इसके विद्युत आपूर्ति नियमित व सुचारु नहीं चल पा रही है। बिजली गुल होने से लोग गर्मी से बेहाल हो रहे है। साथ ही वोल्टेज डाउन होने की परेशानी भी उपभोक्ताओं को उठानी पड़ रही है। ज्यादातर वनांचल क्षेत्रो में लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। बिजली गुल होने व लो वोल्टेज के कारण खेतो में पर्याप्त पानी सिंचाई हेतु बोर नहीं दे पा रहे है। कुछ लोगों की शिकायत रहती है कि 3 फेज में चलने वाले बोर का एक या दो फेस में अगर लो वोल्टेज की समस्या रही तो बोर चालु करने पर मोटर में खराबी की समस्या उत्पन्न हो रही है। जिससे जल संकट तो हो रहा है। साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।


उपभोक्ता नहीं देते लोड की सही जानकारी
जब विद्युत कनेक्शन लेकर मीटर लगवाया जाता है तो विद्युत विभाग को घर दुकानों के सभी विद्युत उपकरणों और उनकी खपत की सही जानकारी देनी होती है। लेकिन धीरे-धीरे उपकरण बढ़ते जाते है खपत भी लेकिन इसकी जानकारी विभाग को नहीं होती है। और यही उपकरणों पर ओव्हर लोड और लो वोल्टेज की समस्या का कारण बनती है। यदि खपत की सही जानकारी हो तो उसके अनुसार क्षमता के उपकरण लगाकर तकनीक खामियों से उपकरणों को बचाया जा सकता है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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