ठगे जा रहे उपभोक्ता, कांटा तराजु का औचक पड़ताल जरुरी
नापतौल विभाग का कार्य बाट तराजु के सत्यापन तक ही सीमित
आनलाईन, आफलाईन दोनो शिकायत की है सुविधा लेकिन उपभोक्ताओं में है जागरुकता की कमी
धमतरी । अधिकांश सामानों को बाट कांटा तराजु के माध्यम से तौल कर खरीदा जाता है। इस दौरान विक्रेताओं द्वारा कई बार उपभोक्ताओं से जितने वजन का पैसा लिया जाता है। उतना सामान नहीं दिया जाता है। यह एक प्रकार की ठगी है। जिसके खिलाफ उपभोक्ता नापतौल विभाग मे शिकायत कर सकते है। लेकिन उपभोक्ताओं में भी जागरुकता की कमी है।
ज्ञात हो कि नापतौल विभाग द्वारा आनलाईन व आफलाईन दोनो प्रकार की शिकायत की सुविधा प्रदान की है। आनलाईन पोर्टल में शिकायत सीधे रायपुर उच्च कार्यालय को मिलती है। जिसके पश्चात जांच कार्रवाई हेतु जिला कार्यालय को निर्देशित किया जाता है। इसके अतिरिक्त सीधे जिला कार्यालय में आफलाईन तरीके से शिकायत उपभोक्ता कर सकते है। लेकिन महीनों में एक दो शिकायत ही होती है। इससे कहा जा सकता है कि उपभो्क्ताओं में तमाम प्रचार प्रसार के बाद भी जागरुकता की कमी है।
बता दे कि खुले बाजारों दुकानों में कांटा, तराजु बाट आदि से कई प्रकार के सामानों को तौल कर दिया जाता है। जिसमें सामानों को कुछ दुकानदारों द्वारा कम तौला जाता है। यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। वहीं बिना कांटा तराजु बांट के सत्यापन के इसका उपयोग भी नहीं किया जा सकता है। लेकिन आज भी कई विक्रेता ऐसे है जो बिना नापतौल विभाग से सत्यापन कराये सीधे अपने सुविधा व लाभनुसार तराजु का उपयोग कर रहे है। इससे ग्राहकों के साथ ठगी की आंशका बढ़ जाती है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत इस पर कार्रवाई की जा सकती है। वहीं कई होटल ढाबो में सामाग्रियो के मूल्य के साथ वजन का उल्लेख करना अनिवार्य होता है। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। प्लेट सिस्टम के तहत होटल ढाबो में खाद्य सामाग्री परोसी जाती है। इससे उपभोक्ताओं को यह जानकारी नहीं मिल पाती कि दाम के बदले मिलने वाली समाग्री का कितने वजन का है। सुधार के लिए नापतौल विभाग द्वारा विशेष औचक जांच अभियान चलाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। औचक निरीक्षण से धांधली करने वालो में कार्रवाई का भय उत्पन्न होगा जिससे उपभोक्ताओं को ठगी व लूट से बचाया जा सकता है। इसमें भी नापतौल विभाग में स्टाफ की कमी आड़े आ सकता है। मिली जानकारी के अनुसार विभाग में सेटअप अनुसार पर्याप्त कर्मचारी नहीं है।