अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव काआयोजन धमतरी में
श्री साधुमार्गी जैन संघ धमतरी द्वारा वर्षीतप के तपस्वियों का भव्य पारणा महोत्सव व्यसन मुक्ति के प्रणेता , युग निर्माता,अनुपम दीक्षा प्रदाता आचार्य नानेश के पट्टधर परम पूज्य आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलाल जी म.सा. , बहुश्रुत वाचनाचार्य उपाध्याय प्रवर श्री राजेशमुनि जी म.सा. की महती कृपा से शासन दीपक श्री अक्षय मुनि जी म.सा. आदि ठाणा 4 के पावन सानिध्य में अक्षय तृतीया का पावन प्रसंग धमतरी श्रीसंघ को प्राप्त हुआ। इस पारणा महोत्सव में छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा अंचल के वर्षीतप के कुल 41 तपस्वी पधारे थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में परम पूज्य अक्षयमुनि जी म.सा. का प्रवचन हुआ। उसके बाद पधारे सभी तपस्वियों का सम्मान श्री कंवरलाल जी रमेश चंद जी उमेश जी राहुल जी संचेती परिवार की ओर से किया गया। श्रीमती ताराबाई धर्मपत्नी श्रीमान रानूलाल जी संकलेचा का विगत 11 वर्षो से वर्षीतप की तपस्या निरंतर चल रही है। इसी उपलक्ष्य में स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन श्रीमान रानूलाल जी मनीष जी शुभ जी संकलेचा परिवार द्वारा कराया गया। जैन दर्शन के अनुसार पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव जी को दीक्षा के 400 दिन पश्चात अर्थात अक्षय तृतीया के दिन श्रेयांस कुमार द्वारा गन्ने के रस से पारणा कराया गया था। इसी तरह आज भी जो तपस्वी वर्षीतप करते है उनका पारणा गन्ने के रस से कराया जाता है। यह तपस्या चैत्र बदी आठम को प्रारंभ होता है और बैसाख सूदी तृतीया को पारणा के साथ समाप्त होता है। इस तपस्या में एक दिन उपवास एक दिन पारणा का यह क्रम निरंतर 2 वर्ष तक चलता है तब एक वर्षीतप की तपस्या पूरी होती है ।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में रतनलाल सांखला, मदनलाल चौरडिया, भंवरलाल छाजेड़, रमन लोढ़ा, बसंत ओस्तवाल, दीपक बाफना, गौतमचंद कोटडिया, महेश कोटडिया, नेमीचंद छाजेड़, स्वरूप कोटडिया, नवीन सांखला, लीलम सुराना, महेश नाहटा, दिनेश लोढ़ा, कमलेश कोटडिया, पीयूष गांधी,
प्रकाश रायसोनी, खेमचंद गोलछा, शीतल साखला, कपूर नाहर, हुकुमचंद जैन, दीपक चोपड़ा, मनीष संकलेचा, प्रकाश पारख़, अनिल वैद, निक्कू कोटडिया, लकी पारख एवम समस्त मंडलों का सहयोग रहा।