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जिला अस्पताल में स्वच्छता का रखा जा रहा ध्यान

दिन में चार बार बाथरूम, तीन बार कॉरीडोर की हो रही सफाई

अलग-अलग कचरे के लिए रखा गया है अलग-अलग प्रकार का डस्टबीन
धमतरी। जिला अस्पताल में स्वच्छता का ख्याल रखा जा रहा है। जिससे मरीजों और परिजनों में संतुष्टि नजर आ रही है। ज्ञात हो कि जिला अस्पताल जिले का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल है। जहां रोजाना 400-500 लोग ओपीडी उपचार कराने पहुंचते है। इनमें से कई मरीजों की सेहत को देखते हुए अस्पताल में भर्ती भी कराया जाता है। वहीं कई गंभीर व दुर्घटनाग्रस्त मरीज भी जिला अस्पताल में एडमिट रोजाना होते है। अस्पताल में वैसे तो 200 बेड है लेकिन अन्य बेड को मिलाकर लगभग 230 बेड पर उपचार होते रहता है। बीमार मरीजों के कारण अस्पताल में पहले अक्सर गंदगी और बदबू की शिकायते मिलती रहती थी। कुछ मरीज के कारण दूसरे मरीज व परिजन भी परेशान हो जाते थे। कई बार तो स्वच्छता के अभाव में बदबू असहनीय हो जाती थी।

अस्पताल के वार्ड, कॉरीडोर आदि में भी गंदगी पसरी रहती थी। लेकिन अब व्यवस्था में काफी हद तक सुधार है। बता दे कि जिला अस्पताल में पुरुष, महिला, वयोवृद्ध व अन्य वार्ड अलग-अलग बनाया गया है। प्रत्येक वार्ड में अलग शौचालय, मूत्रालय की व्यवस्था है। अस्पताल के बाथरुम में गदंगी और बदबू की समस्या सालों से थी लेकिन अब स्थिति में सुधार है दिन में चार बार शिफ्ट वाइस सफाई कर्मचारियों द्वारा सफाई की जाती है। वहीं अस्पताल के वार्डो व कॉरिडोर का दिन में तीन बार सफाई हो रही है। सफाई का समय बकायदा निर्धारित किया गया है। पहले अस्पताल के दीवारों कोनो पर पान गुटका खाकर थूंकने के निशान जगह-जगह नजर आते थे। जो स्वच्छता के प्रयासों पर ग्रहण लगाते थे। लेकिन अब पीक के निशान भी घटे है।


बता दे कि जिला अस्पताल में न सिर्फ धमतरी जिला बल्कि गरियाबंद, राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद, कांकेर, नगरी सिहावा सहित बस्तर तक के मरीज बेहतर उपचार की उम्मीद में पहुंचते है। अस्पताल में लगातार सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। डिजिटल एक्सरे, सोनोग्राफी, मल्टी लैब, सिटी स्कैन, डायलिसिस विभिन्न प्रकार की सर्जरी एसएनसीयू आदि की सुविधाओं के कारण मंहगे निजी अस्पतालों में उपचार न कराकर शासकीय जिला अस्पताल में मरीज पहुंचते है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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