जो प्रभु का ध्यान नहीं करता वह अपना मानव जीवन व्यर्थ गवां देता है
चालीसा महोत्सव के तहत चालीसा पाठ कर किया गया भजन, भंडारा का हुआ आयोजन
धमतरी। जिस तिथि को अवतार ले आए उसी तिथि को ही ब्रह्म में लीन होने वाले एवं जीवन पर्यन्त सनातन धर्म को धारण कर प्रभु की भक्ति में ध्यान में सदैव लीन रहने वाले एवं अपने पूरे जीवन को सदैव परोपकार में लगाकर सभी को आत्म ज्ञान एवं परोपकार की शिक्षा देने वाले आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज के चालीसा महोत्सव के ग्यारहवें दिन सुबह पुण्यतिथि मनाई गई एवं संध्या 7 से 9 बजे तक उनका जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाकर चालीसा पाठ कर भजन एवं भोजन के भंडारा का आयोजन हुआ जिसमें उपस्थित भक्तों ने भजनों का आंनद ले भंडारे में प्रसाद पाकर अपने जीवन को धन्य किया।
इस अवसर पर संत लोकेश जी ने आचार्य जी के द्वारा रचित अमरापुर वाणी के राग पहाड़ी भजन का गायन कर बताया कि जो जीव मनुष्य का जन्म पाकर प्रभू का ध्यान नहीं करता वो अपने हीरे जैसे कीमती मानुष चोले को बेकार गंवा देता है संसार में जिनके लिए आप अपने अमोलक स्वास को व्यर्थ खो रहे हो वे अंत समय में साथ नही देंगे केवल प्रभू ही है जो जीव के आदि में भी जन्म से पूर्व भी और अंत में मृत्यु अर्थात जीवन के बाद भी रखवार होता है सहायक बन मदद करता है अत: आप अपने जीवन में एक तो प्रभू का नित्य प्रति ध्यान करो एवं इसके साथ साथ किसी भी प्राणी की दिल न दुखाएं बल्कि मनुष्यों एवं अन्य जीवों को मदद कर उनकी दिल खुश करने का प्रयास करो इसी में ही भलाई है।