संत लोकेश व रायपुर से आए बृजलाल ने भक्तों के साथ भक्ति भाव से गाया भजन
धमतरी। माता कृष्णा एवं पिता चेलाराम के घर ग्राम खण्डू में आज से 138 वर्ष पूर्व अवतरित नित अवतारी महापुरुष स्वामी टेऊँराम जी महाराज के चालीसा महोत्सव के 14 वें दिन का आयोजन श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में गुरुभक्त एवं नितनेमी स्व. धर्मदास चंदवानी के सुपुत्र हरीश कुमार, राकेश कुमार परिवार द्वारा कराया गया जिसमें उपस्थित भक्तों ने भजनों का आंनद लेकर सभी ने मिलकर स्वामी टेऊँराम चालीसा का पाठ किया। बताया गया कि विश्वास के महत्व पर आधारित भजन जिसकी रचना सिंध के महान कवि सुगनामल के द्वारा की गई है। सन्त लोकेश एवं रायपुर से आए बृजलाल ने उपस्थित भक्तों के साथ बड़े ही भक्ति भाव के साथ गाया।
इस भजन में कवि ने विश्वास की महिमा का बड़ा ही सुन्दर वर्णन करते हुए अनेक दृष्टांत देकर बताया है कि कैसे धना भक्त ने पत्थर में भी विश्वास रखकर मुरलीधर कृष्ण का दीदार किया ,जैसे नाखून मांस के कितना समीप एवं साथ में होता है, वैसे ही यकीन करके विश्वास भरी नजर से ही प्रभू को अपने समीप साथ में महसूस किया जा सकता है, मक्खन शाह नाम के भक्त ने भी विश्वास रख कर ही गुरु को पुकारा था उसकी पुकार सुन गुरु ने दोनों हाथों से उसे पार लगाया जो पहले उदास रहता था वो गुरु का दास बन कष्टों से मुक्त हो खुश रहने लगा कवि सुगनामल ने भरोसा विश्वास को सबसे ऊंचा बताते हुए कहा है नर और नारी सभी विश्वास से भरकर निवड़त व न्याजी भाव रखकर प्रभू को पुकार कर ही अपनी आशा पूर्ण कर सकते हैं अकड़ रखने से अलख माने प्रभु को प्राप्त नहीं किया जा सकता है अकड़ घमंड से दूर रहना चाहिए। ऐसे कई उदाहरण इतिहास में भरे पड़े हैं आज तक जिसने भी पूर्ण विश्वास से नाम रूपी चासनी को चखा है माने विश्वास पूर्वक नाम का जाप किया है उस पर प्रभू ज़रूर राजी प्रसन्न होकर उसकी सारी इच्छाओं को पूरा करते है एवं मनुष्य जीवन के परम उद्देश की प्राप्ति करा देते हैं।