श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में धूमधाम से मनाया गया जा रहा चालीहा महोत्सव
धमतरी। भगवान राम से प्रेम करने एवम् भक्ति करने हेतु प्रेरणा देने वाले आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज के 138 वें जन्मोत्सव के चालीहा महापर्व के 24 वें दिन के सत्संग एवं चालीसा पाठ का आयोजन श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में चरयानी परिवार के द्वारा किया गया जिसमें संत लोकेश ने आचार्यश्री के द्वारा रचित अमरापुर वाणी में राग भैरवी भजन को बड़े ही मधुर संगीत एवं सुर ताल में उपस्थित भक्तों के साथ गाकर बताया कि सद्गुरु महाराज इस भजन के द्वारा यह उपदेश दे रहे हैं कि तूने जो ये मनुष्य का जन्म पाया है यह बड़ा ही दुर्लभ है बड़े भाग्य से तुम्हें मिला है इसे सफल करने के लिए राम नाम से प्यार कर सिमरन कर एवम् भक्ति करनी चाहिए यह सबसे सरल युक्ति साधन एवं मार्ग है प्रभू परमात्मा का नाम ही सबसे सुखकारी है, जिसने अनेक बड़े बड़े पापियों अधम नीच जीवों को इस संसार के भव सागर से तार दिया है.
प्रभू राम ही संसार के समस्त दुखों को मिटाने वाले हैं प्रभू राम के मात्र नाम का केवल एक बार उच्चारण करके गनिका एवम् अजामेल जैसे अनेकों पापियों को उनके अनेक जन्मों में किए गए बुरे कर्मो के पापों के बावजूद भी प्रभू राम ने उन पर भी कृपा की एवं उनको वैकुण्ठ में स्थान प्राप्त हुआ इसलिए ऐसे प्रभू राम को जो इस संसार को बनाने वाले सृजनकर्ता हैं उनके पावन राम नाम का सुमिरन करो प्रभू राम के नाम का सुमिरन कर उनके नाम का गुणगान करने वाली माता शबरी एवं जटायू ने भी हरि का दर्शन पाया उनकी भक्ति की आज भी जै जैकार हो रही है तुम भी प्रभु राम का आधार लेकर अपना जीवन सफल बनाओ गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है सभी जीवों में भगवान राम ही बसते है ऐसे अपनी धारणा को पक्का कर सभी जीवों में सिया राम का दर्शन कर सभी का आदर करें सत्कार करें सेवा करें किसी भी जीव का दिल ना दुखाएं यह जो हमारा शरीर है वह पांच तत्व मिट्टी जल अग्नि वायु एवम् आकाश से बना है एवं समाप्त होकर इसी मिल जायेगा फिर हमारे द्वारा इक_ा किया गया सोना चांदी धन इत्यादि कुछ भी काम नहीं आयेगा केवल राम नाम का धन ही साथ में चलेगा वही काम आयेगा।