हुई मांगलिक कार्यो की शुरुवात, 17 से देवशयनी एकादशी से पुन: चार महीनों के लिए नहीं होगा शुभमुहूर्त
शुक्र अस्त होने के कारण दो महीने से बंद थे मांगलिक कार्य, शुभ मुहूर्त में फिर बजेगी शहनाई
शुभ मुहूर्त के इंतजार में अटके थे नामकरण मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश, भूमिपूजन सहित कई मांगलिक कार्य
धमतरी। हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ व मंगल कार्य हेतु शुभ मुहूर्त होना अत्यंत आवश्यक होता है। यदि मुहूर्त न हो तो मंगल कार्य महीनों तक टल जाते है। विगत दो महीनों से शुभ मुहूर्त के इंतजार में मांगलिक कार्यो पर ब्रेक लगा था लेकिन 2 जुलाई से पुन: सभी प्रकार के मांगलिक कार्य सम्पन्न हो रहे है। बता दे कि 29 अप्रैल को शुक्र अस्त हो गया था जिसके चलते मांगलिक कार्यो पर विराम लग गया था। ज्ञात हो कि किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्यो के लिए गुरु व शुक्र का उदय होना आवश्यक होता है। गुरु, शुक्र, धन वैभव प्रेम, प्रतिष्ठा, सौदर्य, सुख, समृद्धि का कारक होता है। 2 जुलाई से शुक्र उदय हो गया है। जिससे मांगलिक कार्यो के लिए शुभ मुहूर्त शुरु हुआ। अब मात्र 13 दिनों के बाद 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ ही अगले चार महीनों के लिए मांगलिक कार्यो पर ब्रेक लग जाएगा। 12 नवम्बर को देवउठनी एकादशी के साथ विवाह मुहूर्त फिर से प्रारंभ हो जायेंगे जो कि 14 दिसम्बर तक चलेंगे।
वर्तमान में विवाह हेतु शुभ मुहूर्त की बात करें तो 7, 9, 11, 12, 13, 15 जुलाई को विवाह व अन्य मांगलिक कार्यो के लिए शुभ मुहूर्त है। 29 अप्रैल के बाद से कई शादियां मुहूर्त के इंतजार में रुकी हुई थी। अब उक्त तिथियो पर जिले में फिर से शादी की शहनाईयां गुजेंगी। इसके अतिरिक्त गुरु व शुक्र के उदय होने से नामकरण, भूमिपूजन, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ आदि कार्य भी होंगे। साथ ही कुछ लोगों द्वारा बिना शुभ मुहूर्त के भवन, वाहन, आभूषण क्रय नहीं किया जाता है वे भी शुभ मुहूर्त के इंतजार में है। 17 को देवशयनी एकादशी है इसके बाद चातुर्मास के आगमन के बाद से भजन पूजन आदि का दौर जारी रहेगा लेकिन अन्य मांगलिक कार्य बिना विशेष मुहूर्त के बंद रहेंगे।