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गुरु का शरण हमें भय मुक्त कर देती है

चालीहा महोत्सव के 32 वें दिन हुआ स्वामी टेऊँराम चालीसा पाठ एवं सत्संग का आयोजन

धमतरी। सद्गुरु महाराज के चालीहा महोत्सव के 32 वें दिन के स्वामी टेऊँराम चालीसा पाठ एवं सत्संग का आयोजन श्री प्रेम प्रकाश आश्रम पर अनिल हिरानी एवं दिलीप हिरानी परिवार द्वारा किया गया जिसमें चलीसा पाठ के पश्चात् आश्रम के संत द्वारा प्रार्थना एवं पुरुषार्थ की महिमा बताते हुए श्री प्रेम प्रकाश मण्डल के वर्तमान अध्यक्ष गुरुवर सद्गुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज के द्वारा रचित प्रार्थना से परिपूर्ण भजन को बड़े ही विनम्रता पूर्ण भाव से मधुर स्वर में गाकर बताया कि जब बच्चा कोई गलती करता है फिर माता की शरण में आकर उसकी गोद में बैठ कर अपने को सुरक्षित महसूस करता है माता की शरण उसे भय मुक्त कर देती है माता उसके अपराध क्षमा कर देती है उसी प्रकार गुरु की शरण भी हमें भय मुक्त कर देती है जीवन में कोई भी संकट आ जाए विपत्ति आ जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है अपने गुरु की शरण में जाकर प्रार्थना करनी चाहिए,प्रार्थना में नम्रता,समर्पण का भाव,श्रध्दा एवं विश्वास के साथ साथ निर्मानता का भाव भी होना चाहिए।

प्रार्थना के साथ पुरुषार्थ भी करना बहुत जरूरी है बरसात हो रही हो उसमें जितना बड़ा बर्तन रखा जाएगा पानी उतना उसमें भर जाएगा लेकिन यदि बर्तन उल्टा रखा होगा तो कैसे भरेगा या बर्तन यदि साफ होगा तो उसमें भरा पानी भी स्वच्छ होगा बर्तन यदि मैला है एवं उसमें गन्दगी भरी है तो वह इक्_ा हुआ जल भी मैला होकर किसी काम का नहीं रहेगा वैसे ही जब भी कभी किसी भी सत्संग में जाएं तो अपने मन में भरे दुनिया के नाना प्रकार के कचरे को फेंक कर मन को स्वच्छ करके आए। गुरु के बताए मार्ग पर चलने का पुरुषार्थ करना होगा उनके द्वारा प्रदत्त नाम को नित्य प्रति जाप करने का सुमिरन करने का पुरुषार्थ करना होगा सभी जीवों की भलाई वाले कार्य करने एवं परोपकार के कार्य करने का पुरुषार्थ करना होगा तभी कल्याण होगा।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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