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चालीहा महोत्सव 34 वें दिन प्रेम प्रकाश आश्रम में हुआ चालीसा पाठ व सत्संग का आयोजन

सद्गुरु टेऊॅंरामनगर में स्थित श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊॅंराम जी महाराज का चालीहा महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. 34 वें दिन के चालीसा पाठ एवं सत्संग का आयोजन अशोक कुमार वाधवानी व उनके सुपुत्र रोहन ,पंकज वाधवानी परिवार द्वारा किया गया. सत्संग के दौरान संत लोकेश ने अजमेर वाले कवि सन्त माधवदास जी द्वारा रचित एक भजन जिसमें भक्तों की समस्याओं को उनकी बिगड़े हालात को उनकी दर्द भरी पुकारों को लेकर आचार्यश्री के चरणों मे अर्जी लगाई.बताया कि संसार में जीवों की बिगड़ी परिस्थिति को सुधारने में बिगड़ी बातों को बनाने में मदद करने वाले लोग थोड़े हैं लेकिन बिगाड़ने वालों की कोई कमी नहीं है संसार में पुष्प व कांटे दोनों हैं पुष्प अपनी खुशबू देकर लोगों की दिल को खुश करते हैं इस गुण के कारण पुष्प ईश्वर के चरणों मे पहुंच जाता है व माला में स्थान पाकर भगवान के गले में हार बनकर शोभा पाता है लेकिन कांटा लोगों को चुभन का दर्द प्रदान कर जीवों को दुखी करता है इसलिए कांटो से लोग बचते हैं उसको धिक्कार ही मिलता है इसलिए कोशिश करके पुष्प जैसे जीवो को सुख पहुंचाने का काम जितना हो सके करते रहें लेकिन काटों के माफिक जीवों को कष्ट पहुंचाने वाले कोई भी काम तनिक भी नहीं करें, तलवार व सुई दोनों का विपरीत काम होता है तलवार से अलग करने का काम जुदा करने काम मारने का काम होता है सुई दो को एक करके जोड़ने का काम करती है इसलिए इसकी चुभन भी अच्छी है तोड़ने की बजाए जोड़ने के काम करने चाहिए.आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊॅंराम जी महाराज ने एक भजन में लिखा है कि पिता माता बन्धु और लुगाई ये तो स्वार्थ के हैं जब विपत्ति आती है माने अन्त समय में तब ये सभी छोटे बड़े सभी दूर खड़े होकर केवल देख सकते हैं लेकिन कोई भी मदद नहीं कर पाता केवल गुरु ही ऐसे वक्त में काम आता है मदद करता है क्योंकि यही सत्य है कि गुरु ही माता है गुरु ही पिता है गुरू ही ब्रह्मा विष्णु महेश व साक्षात परब्रह्म है उसकी शरण में जाकर यह प्रार्थना करनी चाहिए कि मैं न तो धर्म जानता हूं न कर्म जानता हूं मैं भूला हुआ भटका हुआ इन्सान हूं मैं न तो नेम जानता हूं न प्रेम कैसे मैं ईश्वर को अच्छा लगूंगा, लेकिन मुझे यह पूरा विश्वास है कि मेरी सारी समस्याओं को आप ही हल करेंगें व संसार रूपी भवसागर से पार लगायेंगे.

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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