धमतरी के 26वें स्थापना दिवस पर यशवंत देवान ने साझा की जिले के शुभारंभ की स्मृतियां
कहा 26 वर्ष बाद भी गौण खनिज, जल संसाधन, वनोपज से परिपूर्ण जिला विकास में है पिछड़ा
धमतरी। जिले के 26 वें स्थापना दिवस पर तत्कालीन एडीआईएस व वर्तमान प्रांतीय अध्यक्ष पेंशनर एसोसिएशन छग यशवंत देवान ने 26 वर्ष पूर्व अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में मातृ जिला रायपुर म.प्र. से पृथक होकर धमतरी जिला म.प्र. का गठन 6 जुलाई 1998 को हुआ। जिला में प्रथम कलेक्टर मनोज गोविल, आई.ए.एस. के मार्गदर्शन में म.प्र. शासन के केबिनेट मंत्री माधव सिंह ध्रुव के अतिथ्य एवं धमतरी विधायक केशरीमल लुंकड़, कुरूद विधायक गुरूमुखसिंह होरा समस्त जनप्रतिनिधि आदि की उपस्थिति में शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज रूदी, के प्रांगण में नवगठित का शुभारंभ हुआ। यशवंत देवान ने कहा कि उल्लास एवं विरोध के बीच जिला का शुभारंभ को 26 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास के लिए पिछड़ चुका है। प्रारंभ से ही औद्योगिक नगरी, धरमतराई के नाम से मशहूर धमतरी, वनों से आच्छादित जिला, महानदी का उद्गम स्थल सिहावा, धमतरी आज रेल लाईन की सुविधा से वंचित है, मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग कालेज, शासकीय नर्सिंग कालेज, कृषि प्रधान जिला होने के बाद भी कृषि विद्यालय से वंचित है। एशिया के प्रसिद्ध रविशंकर जलाशय परियोजना के बाद भी पर्यटन से वंचित है। अंग्रेजों के विरूद्ध आजादी के आंदोलन के सूत्रपात के जनक, जिनके प्रसिद्धि से महात्मा गांधी जी दो बाद धमतरी आये है ऐसा जिला आज हर चीज के लिए मोहताज । महानदी का पानी इस्पात कारखाना, भिलाई जाता है। राजधानी रायपुर सहित कई जिलों के पानी की पूर्ति धमतरी से होती है। धमतरी ऐसा जिला है जिसके रेत से पूरा छत्तीसगढ़ विकसित हो सकता है, पीने के पानी एवं सिंचाई हेतु वनोपज जिसका दोहन कर अंग्रेजों ने रेल्वे स्लीपर बनाकर पूरे भारत को विकसित किया, सफेद लाख, वनोपज, दूबराज चांवल विदेशों में निर्यात हो रहा है, लेकिन जिलेवासी आज भी कई क्षेत्रो में बेरोजगारी से परेशान है। आवश्यकता है एकजूट होकर जिला धमतरी के विकास के लिए प्रयास करें, ताकि मांगो की पूर्ति हो साथ ही बड़ी रेल लाईन को बालोद तक बढ़ाने से रेल मार्ग सीधे जगदलपुर, बैलाडीला (दंतेवाड़ा) तक जुड़ पायें।