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गंगरेल बांध में अब तक नहीं हुई पानी की आवक, मात्र 1 टीएमसी बचा है उपयोगी पानी

एक जून से अब तक हुई मात्र 258 मिलीमीटर वर्षा, आवक के लिए कैचमेंट एरिया में है मूसलाधार बारिश की आवश्यकता

जल्द जल भराव नहीं हुआ तो भिलाई स्टील प्लांट व रायपुर-धमतरी पेयजल सप्लाई हो सकता है प्रभावित
धमतरी। इस बार प्रदेश में मानसून समय से पहले सक्रिय हुआ इसके बाउजूद इसके अब तक पर्याप्त वर्षा नही ंहो पाई है। नतीजन प्रदेश की जीवनदायनी महानदी पर बने गंगरेल बांध सूखे के कगार पर है। यदि जल्द जल भराव नहीं हुआ तो बहुउद्देशीय वाला गंगरेल बांध के उद्देश्यों की पूर्ति प्रभावित हो सकती है। बता दे कि गंगरेल बांध के कैचमेंंट एरिया में एक जून से अब तक 258 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। यह वर्षा खंड वर्षा के रुप में ज्यादा हुई है। हल्की बूंदाबांदी व कुछ देर की वर्षा के कारण यह पानी बांध तक पहुंचने से पहले ही सूख गया है। ऐसे में गंगरेल बांध में इस मानसून में अब तक पानी की आवक हुई ही नहीं है। ज्ञात हो कि गंगरेल बांध की जल भराव क्षमता 32.150 टीएमसी है। वर्तमान में बांध में 6.378 टीएमसी जल भराव है। जिसमें उपयोगी पानी 1.307 टीएमसी है। ऐसे में गंगरेल बांध सूखे के हालात में है। चूंकि गंगरेल बांध की पानी पर भिलाई स्टील प्लांट निर्भर है साथ ही धमतरी व रायपुर नगर निगम को पेयजल के लिए बांध से ही पानी सप्लाई किया जाता है। इसके अतिरिक्त सिंचाई, मछलीपालन, पर्यटन व बिजली उत्पादन जैसे उद्देश्यो की पूर्ति के लिए बांध में पर्याप्त जल भराव होना आवश्यक है। जल्द ही यदि बांध में पानी की आवक नहीं हुई तो बीएसपी के साथ रायपुर व धमतरी नगर निगम को पेयजल सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है।


माडमसिल्ली, सोंढुर, दुधावा की स्थिति भी खराब
गंगरेल बांध के सहायक बांध माडमसिल्ली, सोंढुर, दुधावा की स्थिति भी दयनीय है बांध सूखे के हालात में है। गर्मी के मौसम में ही माडमसिल्ली बांध सूख चुका था। वहीं सोंढुर व दुधावा में भी काफी कम पानी शेष है। ऐसे में इन बांधो के कैचमेंट एरिया में भी लगातार बेहतर वर्षा जरुरी है ताकि बांध में पानी की आवक लगातार होती रहे।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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