भारत को आजाद कराने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बान कर दी अपनी जिंदगी – नीलेश लुनिया
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जन्मजयंती भाजपा शहर मंडल द्वारा माल्यार्पण किया गया
धमतरी। चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही अंग्रेजों के खिलाफ बगावत शुरू कर दी थी। जलियांवाला बाग कांड ने चंद्रशेखर आजाद को बचपन में झकझोर कर रख दिया और इसी दौरान आजाद को समझ आ गया था कि अंग्रेजों से छुटकारा पाने के लिए बातों की नहीं बल्कि बंदूकों की जरूरत होगी। शहर मंडल महामंत्री नीलेश लुनिया ने कहा कि मैं आजाद हूं आजाद ही मरूँगा। भारत को आजाद कराने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी थी। उन्हीं महान स्वतंत्रता सेनानियों में एक नाम ‘चंद्रशेखर आजाद का है। हालांकि, इनका असली नाम चंद्रशेखर तिवारी था, लेकिन आजाद इनकी पहचान कैसे बनी इसके पीछे भी एक कहानी है। आजाद कहते थे ‘दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, हम आजाद हैं और आजाद ही रहेंगे। नील पटेल ने कहा कि आज देश के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जन्मदिन है। यह एक ऐसे युवा क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपनी जान दे दी। उन्होंने ठान लिया था कि वे कभी भी अंग्रेजों के हाथ नहीं आएंगे और अंग्रेजों की गुलामी की हुकूमत से खुद को आखिरी सांस तक आजाद रखा। उन्होंने बेहद कम उम्र में ही अपनी जिंदगी को देश के नाम कर दिया। शहर मंडल महामंत्री नीलेश लुनिया,हेमन्त बंजारे,नील पटेल,संतोष सोनकर,श्रीमती चंद्रकला पटेलशिव नारायण छाटा,अजित साहू,राजू सोनकर,रामविशाल देवांगन,नीरज जगताप,श्रीमती संगीत जगताप,मुकेश शर्मा,श्रीमती डॉली सोनी,श्रीमती उषा निर्मलकर, श्रीमती रुक्मिणी सोनकर,श्रीमती प्रभा देवगन,श्रीमती रेखा शांडिल्य, श्रीमती आहिल्या देवांगन, श्रीमती तारा कैलास साहू,गेंदालाल छाटा, करन हिरवानी,श्रीमती ज्योति यादव,नारायण यादव,किशुन धीवर एवं अन्य वार्डवासी मौजूद रहे।