पार्षद चुनाव लडऩे इच्छुक लोगों की वार्डो में बढ़ी सक्रियता
चौक चौराहो में समय देकर बढ़ा रहे वार्डवासियों से मेल मुलाकात, शोक, खुशी, धर्म के अधिकांश मौको पर हो रहे शामिल
परिसीमिन और आरक्षण के पहले ही टिकट के दावेदार वार्डो में कर रहे अपनी जमीन मजबूत
धमतरी। इस साल अंत तक नगरीय निकाय चुनाव सम्पन्न होने है। जिसकी तैयारियां प्रशासनिक के साथ ही राजनीतिक स्तर पर शुरु हो गई है। उक्त चुनाव को कई नेता व दावेदारों द्वारा सुनहरा अवसर माना जा रहा है। इसलिए पार्षद बनने चुनाव के कई महीने पहले ही अपनी सक्रियता बढ़ा रहे है। ज्ञात हो कि धमतरी नगर निगम अन्तर्गत 40 वार्ड है नगर निगम क्षेत्र का परिसीमिन हो रहा है। जिसमें प्रारंभिक प्रकाशन में 20 वार्डो को यथावत रखा गया था जबकि शेष 20 वार्डो के क्षेत्र में बदलाव किया गया है। अब दावा आपत्ति के बाद फायनल प्रकाशन होगा। बता दे कि परिसीमिन से भी राजनीतिक हलचल के साथ प्रभाव बदलता है। नेता व चुनाव लडऩे के नये दावेदार संबधित वार्डो में अपनी सक्रियता बढ़ाकर वार्डवासियों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे है। हालांकि अभी चुनाव को कई महीने बाकी है। लेकिन अभी से वार्डवासियों से मेल मुलाकात बढ़ाकर संबध को बेहतर बनाकर मतदाताओं को अप्रत्यक्ष रुप से साधने का प्रयास कर रहे है। दावेदार चौक-चौराहो पर समय देकर विभिन्न विषयों पर चर्चा कर रहे है। वार्ड में होने वाले शोक, खुशी व धार्मिक कार्यक्रमों में दावेदार ज्यादा से ज्यादा शामिल हो रहे है। इस माध्यम से भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहे है। खैर अभी तो आरक्षण होगा इसके बाद ही स्पष्ट होगा कि किस वार्ड में कौन से वर्ग का महिला या पुरुष प्रत्याशी होगा। लेकिन दावेदार पार्षद बनने अभी से लोगों के बीच मौजूदगी बढ़ा रहे है।
नेताओं से बढ़ा रहे सम्पर्क
कुछ नये लोग जो कि ज्यादा राजनीति में सक्रिय नहीं रहते या फिर जिन्होंने कभी राजनीति की ही नहीं है। ऐसे लोग किसी के माध्यम से जिले के नेताओं से अपनी नजदीकिया बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। नेताओं के समक्ष विशेष मौको जैसे जंयती पुण्यतिथि या अन्य आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है। वहीं कुछ लोगों व नेताओं द्वारा कुछ दावेदारों को यह भी कहा गया है कि बस आरक्षण का रोड़ा न रहे बाकि टिकट तो पार्टी से वे दिलवा ही देंगे। अब यह तो समय ही बतायेगा कि किसे टिकट मिलता है और किसके दावे कितने सही साबित होंगे।
टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लड़ेंगे
टिकट के दावेदारों में कुछ ऐसे लोग भी है जिन्हें पार्टी विशेष से ज्यादा मतलब नहीं है भाजपा-कांग्रेस के अपने विशेष प्रभाव के कारण पार्टी ही टिकट से चुनाव लड़ा चाह रहे है। लेकिन यदि किसी कारण से उन्हें टिकट नहीं मिलता तो वे निर्दलीय भी चुनाव लड़ेंगे। ऐसे दावेदार वार्डो में पर्वो की बधाई-शुभकामनाएं देने पोस्टर भी लगवा रहे है। आने वाले त्यौहारी सीजन में ऐसे बैनर पोस्टर की संख्या काफी बढ़ेगी।